रॉ एजेंटों को दी जाने वाली कानूनी सहायता का खुलासा मुमकिन नहीं: सरकार

Update: 2016-03-27 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। सरकार ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग रॉ के विदेशों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मियों को दिए जाने वाले कानूनी संरक्षण से संबंधित नियमों और नियमनों का ब्यौरा देने से इनकार कर दिया है।

मंत्रिमंडल सचिवालय ने सूचना के अधिकार कानून के तहत इस बारे में मांगे गए ब्यौरे को देने से ये कहकर इनकार कर दिया कि कानून में इस बारे में कोई खुलासा किए जाने से छूट है, सिवाय मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों को छोड़कर।

ये मुद्दा पाकिस्तान के इन आरोपों के मद्देनजर अहम हो जाता है कि उसने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एक कथित जासूस को गिरफ्तार किया है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इन आरोपों से ये कहते हुए इनकार किया है कि गिरफ्तार व्यक्ति का भारत सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।

आरटीआई के तहत आवेदन दायर करने वाले वेंकटेश नायक ने कहा, ''इस बारे में सार्वजनिक रूप से कोई सूचना नहीं है कि अगर, भगवान न करे कि ऐसा हो, विदेश में किसी भारतीय खुफिया कर्मी की हत्या हो जाती है तो क्या किया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''ये एक चिंता है जो काफी जायज है, हांलाकि इसे पाकिस्तान में एक भारतीय नागरिक के पकड़े जाने की हालिया घटना पर टिप्पणी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।''

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