बाराबंकी। "बहु को बेटा नहीं होने पर सास अब उन्हें तानें नहीं मारेंगी। न ही ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए कोई दबाव डालेंगी।" ये संकल्प बाराबंकी में बृहस्पतिवार को सैकड़ों महिलाओं ने अपनी बहुओं के सामने लिया।
जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में जिलाधिकारी अजय यादव ने महिलाओं को ये संकल्प दिलाया।
नगर पालिका परिसर में आयोजित सास बहू सम्मेलन में सैकड़ों परिवारों की महिलाएं अपनी बहुओं को लेकर पहुंची थीं। जिलाधिकारी अजय यादव कहा, ''घर और परिवार का कल्याण सिर्फ घर की महिलाओं के हाथ में ही है। सास और बहू अधिकांश समय एक साथ रहती हैं और घर संभालती हैं।
परिवार को खुशहाल रखने की भी सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी इन्ही के हाथ में है।" उन्होंने कहा कि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हमलोग चीन से भी आगे हो जाएंगे। छोटा परिवार सुखी परिवार रहता है इसलिए सरकार ये कार्यक्रम करवा कर सास-बहुओं को जागरूक कर रही है।
मुख्य चिकत्साधिकरी डॉ सतीश चंद्रा ने बताया, "ये कार्यक्रम परिवार नियोजन अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा घर की मुखिया अधिकतर सास ही होती है इसलिए जो भी फैसले होते हैं वो ही लेती है इसलिए सीएमओ ने बताया उनका विभाग परिवार की महिलाओं को प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने कहा दो बच्चों के बीच अंतर अगर रहेगा तो जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित रहेंगे। कार्यक्रम में पहुची महिला सरिता देवी का कहना था की वो घर की सास है उनके दो बहू हैं लेकिन उन्होंने कोई दबाव अपनी बहुओं पर नहीं डाला है की ज्यादा बच्चे उनके परिवार में हो।
मसौली इलाके की रहने की किरण का कहना है की वो अपनी बहू को भी कार्यक्रम में लेकर आयी हैं। पहले के समय में उनकी सास ज्यादा बच्चे के लिए कहती रहती थी लेकिन आज वो अपनी बहू को सिर्फ दो बच्चे पैदा करने की ही सलाह देंगी।" इस दौरान कई महिलाओं ने कहा कि वो अब बहुओं को बेटी होने पर ताने नहीं मारेंगी।
रिपोर्ट -सतीश कश्यप