अस्पताल को मरीज के पास लायी टेलीमेडिसिन तकनीक : योगी आदित्यनाथ

योगी ने कहा, यूपी मेडिसिन कारपोरेशन की स्थापना के बाद हर अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में दवा की उपलब्धता सुनश्चिति हुई है

Update: 2019-03-01 11:34 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूरदराज के इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में टेलीमेडिसिन को क्रांतिकारी कदम बताते हुए शुक्रवार को कहा, इसके जरिये सुदूर गांव में बैठे व्यक्ति को भी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करायी जा सकती है। योगी ने यहां टेलीमेडिसिन/टेलीरेडियोलॉजी समेत विभन्नि योजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान कहा, हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना हम सबका दायित्व है।

आपने देखा होगा कि अब हम कैसे टेलीमेडिसिन के जरिये दूर-दराज के क्षेत्रों में भी लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा, केन्द्र सरकार द्वारा आंकक्षात्मक जिलों के रूप में चिह्नित 115 जिलों में से आठ उत्तर प्रदेश में हैं। इनमें सबसे बड़ी समस्या यही थी कि उन जिलों में डॉक्टर जाने को तैयार नहीं होते थे।

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 मगर तकनीक का उपयोग करते हुए कैसे हम व्यापक परिवर्तन ला सकते हैं, यह टेलीमेडिसिन के जरिये सम्भव हुआ है। भले ही चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं हो, लेकिन टेलीमेडिसिन की वजह से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिली है। इससे बीमारी से मरने के आंकड़ों में कमी आयी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों में अपोलो अस्पताल के जरिये टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। यह सुविधा बेहद प्रभावशाली और क्रांतिकारी हो सकती है। इस प्रकार की सुविधाओं के जरिये डॉक्टर को मरीज के नजदीक लाकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है।

उन्होंने कहा, वर्ष 2014 में केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री की भी अभिलाषा थी कि उत्तर प्रदेश में अगर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो जाएं तो इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी देखने को मिलेगा। मुझे खुशी है कि विगत 55 महीनों के दौरान केन्द्र की मोदी सरकार और 23 महीनों की हमारी सरकार ने मिलकर उस लक्ष्य को प्राप्त करने में काफी हद तक कामयाबी प्राप्त की है।

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आज भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है, वह टीम वर्क का नतीजा है। योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, पहले अस्पतालों में दवा उपलब्ध नहीं होती थी। इसे देखकर उच्च न्यायालय को भी टिप्पणी करनी पड़ी थी कि सभी वीवीआईपी को तो स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाती हैं लेकिन आम आदमी को नहीं। अब यूपी मेडिसिन कारपोरेशन की स्थापना के बाद हर अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ प्रचुर मात्रा में दवा की उपलब्धता सुनश्चिति हुई है। यह पहले होने वाले बड़े-बड़े खेलों को रोकने का भी प्रभावी प्रयास है। हम फैक्ट्री के दाम पर ही अपने यहां दवा खरीदकर मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध करा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा, पहले उत्तर प्रदेश में चिकित्सालय उपेक्षा के शिकार थे। आज आप देख रहे होंगे धीरे-धीरे करके एक-एक चिकित्सालय का आधुनिकीकरण हुआ है। अब नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से अस्पताल गरीबों के द्वार पर जा रहा है। इस यूनिट में एक डॉक्टर, पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ होगा। इसके जरिये 53 जिलों में गांव-गांव जाकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। एक साथ 750 आरोग्य केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। भविष्य में यह संख्या बढ़कर 2150 हो जाएगी।

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