आप भी बंद कमरे में जलाते हैं कोयला हो जाए सावधान, एक की मौत 

Update: 2018-01-10 19:26 GMT
कोयले से नुकसान

औरैया/लखनऊ। बीते कुछ दिनों से ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करके अपने आप को ठंड से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ठंड से बचने के लिए एक परिवार ने एक ऐसा उपाय अपनाया कि उससे एक बच्ची की मौत हो गई और बाकी के लोग बेहोश हो गए।

औरैया जिले के खानपुर गाँव में रहने वाले उस्मान अपने परिवार के सात लोग समेत एक ही कमरे में सोने के लिए गए। और ठंड से बचने के लिए तसले में कोयले की आग जलाकर रख ली गेट बंद कर दिया, जिससे उन्हें ऑक्सीजन नहीं मील पाई। जब सुबह दूध और ब्रेड वाले ने आवाज लगाई तो गेट नहीं खुला। उसने मोहल्ले के लोगों को इकट्ठा कर दरवाजा खोला तो सभी बेहोशी अवस्था में मिले। हालत में सुधार न देख सैफई के लिए सभी रेफर कर दिया। जहां शिफा की इलाज के दौरान मौत हो गई।

ये भी पढ़ें- सर्दी से बचने के लिए कमरे में जलाते हों हीटर या अंगीठी ताे हो जाएं सावधान

परिजनों से अलग कमरे में सो रहे राशिद (15 वर्ष) पुत्र पप्पू ने बताया, “हमारी दो बहनें है बडी बहन की शादी हो चुकी है एक बहन की शादी होनी है। बडी बहन ससुराल से आई थी उनकी खुशी में सब लोग एक साथ कमरे में सो गये। वैसे सब लोग अलग-अलग सोते थे। सुबह देखा तो सब लोग बेहोश मिले। सभी लोगों को सैफई में भर्ती कराया है। जहां उनका इलाज चल रहा है एक बेटी की मौत हो गई है जिसे हम लोग ले आये है। चिकित्सकों का कहना है कि अभी किसी की हालत के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।

जिला संयुक्त अस्पताल के डा. राघवेंद्र सिंह ने बताया,“ सर्दी से बचने के लिए बंद कमरे में अलाव का सहारा न लें। कमरे में हीटर आग न जलाये। कमरे में आग जलाने से सफोकेशन होता है जिससे आक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है।

ये भी पढ़ें- सर्दी में भी पैर पसार रहा चिकनगुनिया 

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के श्वसन विभाग के अध्यक्ष और इन्डियन चेस्ट सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ सूर्यकान्त ने बताया, “लोग घरों में बंद जगहों पर जो अंगीठी ब्लोवर और हीटर ये सब चीजें जलाते हैं तो ये इनके लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होता है। बंद कमरों में जब लोग इन सभी चीजों का प्रयोग करते हैं तो कार्बनडाई ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड गैसें पैदा हो जाती हैं।”

ये भी पढ़ें- ठंड लगे तो आग तापिए, मगर इन बातों का रखें ध्यान

“इनके आने से बंद जगह की ऑक्सीजन खत्म होने लगती है और खत्म होते-होते पूरी तरीके से खत्म हो जाती है। कुछ देर बाद ऐसा होता है हमारा फेफड़ा काम करना बंद कर देता है। इससे ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो जाती है और दम घुट कर मरने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इन सभी चीजों का खतरा बुजुर्गों और बच्चों में बढ़ जाता है और उनके मारने की संभावना भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।” डॉ सूर्यकांत ने आगे बताया।

ये भी देखिए-

Full View

Similar News