शादियों ने रोकी गेहूं की कटाई

Update: 2016-04-22 05:30 GMT
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जालंधर (भाषा)। बिहार में इस महीने होने वाले पंचायत चुनाव और झारखंड तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में शादियों के मौसम का असर पंजाब में गेहूं की कटाई पर पड़ रहा है, क्योंकि पंजाब के किसान फसल की कटाई के समय बहुत हद तक इन राज्यों से आने वाले श्रमिकों पर निर्भर रहते हैं जो अब उन्हें नहीं मिल रहे हैं।

पंजाब में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है हालांकि, यह कटाई मशीन से होती है, लेकिन इसके बावजूद गेहूं के दाने तथा भूसे को संभालने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है।

मशीनी युग होने के बावजूद प्रदेश में कई स्थानों पर फसल की कटाई अब भी हाथ से होती है क्योंकि एक साथ मशीनों का मिलना भी मुश्किल हो रहा है। पंजाब के किसानों का कहना है कि बिहार में पंचायत चुनाव और शादियों का मौसम होने के कारण वहां से श्रमिक नहीं आ रहे हैं और जो यहां हैं वह चुनावों में मताधिकार का इस्तेमाल करने यहां से बड़ी संख्या में अपने घर जा रहे हैं, जिसका प्रतिकूल असर पक चुके गेहूं की कटाई पर दिख रहा है।

किसानों की फसल पककर है तैयार

जालंधर जिले के भोगपुर इलाके के किसान अमरजीत सिंह ने कहा, ‘‘अचानक गर्मी बढ़ने से गेहूं की फसल पक गयी है और इसकी कटाई जरूरी है क्योंकि पकने के बाद अधिक दिन तक खेतों में रहने से गेहूं के दाने काले पड़ सकते हैं। सभी किसानों की फसल पककर तैयार है, इस कारण कटाई के लिए श्रमिकों की आवश्यकता पड़ रही है।’’ अमरजीत ने कहा,‘‘पंजाब में हर जगह गेहूं की कटाई मशीनों से की जा रही है। बहुत कम जगहों पर हाथ से कटाई होती है। हालांकि, गर्मी अचानक बढ़ जाने से खेतों में फसल पककर तैयार हो गयी है, इसलिए यहां किसान चाहते हैं कि उनकी फसल जल्दी से कट जाए। ऐसे में मशीनों की उपलब्धता भी कम हो गयी है।’’बिहार या झारखंड के श्रमिक यहां हैं जो किसी किसान के यहां स्थायी रूप से रह रहे हैं। हालांकि, एक और समस्या है कि अभी तक गन्ने का काम पूरा नहीं हुआ है। 

श्रमिक गेहूं कटाई में नहीं ले रहे दिलचस्पी

पड़ोसी होशियारपुर जिले के किसान प्रभपाल सिंह का कहना है, ‘‘बिहार में पंचायत चुनाव हो रहे हैं। वहां के श्रमिक गेहूं की कटाई में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां वोट डालने जाना है और जो वहां से आने वाले हैं उनका कहना है कि वह चुनावों के बाद ही आ पायेंगे। मजदूरी बढ़ाकर चार हजार प्रति एकड़ कर दिया गया है फिर भी श्रमिक नहीं मिल रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि श्रमिकों का कहना है कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में आजकल शादी ब्याह का भी मौसम शुरू हो चुका है। इसलिए श्रमिक अभी नहीं आ सकते हैं।’’ पंजाब के राजपुरा, सरहिंद, खन्ना, लुधियाना जालंधर तथा अमृतसर रेलवे स्टेशनों पर किसानों को बिहार से आने वाली जनसेवा, जननायक और अन्य ट्रेनों की प्रतीक्षा में आजकल आसानी से देखा जा सकता है, लेकिन ये गाड़ियां आजकल वहां से किसानों के लिए श्रमिक नहीं ला रही हैं।

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