शौचालयों की मरम्मत और नवीकरण पर केंद्रित नया अभियान

Update: 2016-04-29 05:30 GMT

नई दिल्ली (भाषा)। भारत के स्कूलों में नये शौचालयों के निर्माण की जगह खराब अवस्था में पड़े शौचालयों की मरम्मत और नवीकरण पर केंद्रित एक नये अभियान की शुरुआत की गई है। अमेरिका के पर्सनल केयर कारपोरेशन, किंबेर्ले-क्लार्क ने शहर के एनजीओ चैरिटीज एंड फाउंडेशन के सहयोग से हाल ही में यहां टॉयलेट्स चेंज लाइव्स के नाम से एक अभियान की शुरुआत की है। 

अभियान स्कूलों में शौचालयों की मरम्मत के जरिए स्वच्छता की जरूरत को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए शुरु किया गया है। पिछले साल अक्टूबर में शुरु किये गये इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के पांच राज्यों- दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के सरकारी स्कूलों में पहले से निर्मित लेकिन बेकार पड़े 100 शौचालयों की मरम्मत कराना है।

के-सी के अध्यक्ष अचल अग्रवाल के अनुसार स्वच्छता के मुद्दे को तीन भागों में बांटा जाना चाहिए- शौचालयों का निर्माण, शौचालयों की देखरेख करते रहना और शौचालय का इस्तेमाल कर रहे लोगों का समर्थन करना। अग्रवाल ने कहा, 'हम स्वच्छता के मुद्दे को प्रभावित करने के लिए सही रास्ते की तलाश कर रहे थे और इसके लिए हमने सरकारी स्कूलों को चुना। 90 फीसदी स्कूलों में शौचालय हैं लेकिन इनमें से 40 फीसदी का इस्तेमाल नहीं होता क्योंकि वो बहुत खराब अवस्था में हैं। उन्होंने कहा, 'अगर उन 40 फीसदी शौचालयों की मरम्मत हो जाती है तो हम फिर सही तरीके से शौचालय का इस्तेमाल करने की मानसिकता बना पाएंगे और तभी हम उस प्रयास को बनाये रख सकते हैं।'

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