शीना हत्याकांड: सीबीआई अदालत ने खारिज की पीटर की जमानत अर्जी

Update: 2016-05-23 05:30 GMT
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मुंबई (भाषा)। एक विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी की जमानत अर्जी खारिज कर दी जिन्हें शीना बोरा हत्याकांड के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

विशेष न्यायाधीश एचएस महाजन ने अदालत में आदेश देते हुए कहा, ‘‘जमानत से इनकार किया जाता है।'' न्यायाधीश ने कहा कि केस डायरी में कुछ तथ्यों के आधार पर जमानत अर्जी खारिज की गयी है जिसे बचाव पक्ष के वकीलों को नहीं बताया जा सकता।

पीटर को 19 नवंबर, 2015 को गिरफ्तार किया गया था। इस साल फरवरी में भी एक बार उनकी जमानत अर्जी खारिज की जा चुकी है जिसके बाद उन्होंने मार्च महीने में अदालत में एक और याचिका दाखिल की थी।

उनके वकीलों ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि पीटर को शीना की हत्या के बारे में कुछ नहीं पता था और वह उस वक्त देश में नहीं थे। पीटर की पहली पत्नी से उनके बेटे राहुल मुखर्जी और इंद्राणी की बेटी शीना के बीच प्रेम संबंध थे। पीटर के वकीलों ने यह दलील भी दी थी कि वह शीना और राहुल के रिश्तों के खिलाफ नहीं थे।

हालांकि सीबीआई ने अदालत में कहा था कि दोनों के संबंधों को लेकर इंद्राणी और पीटर खुश नहीं थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दलील दी थी कि जब पीटर को पता चला कि शीना इंद्राणी की बेटी है तो सबकुछ बदल गया और इसका परिणाम यह हुआ कि उसकी हत्या कर दी गयी।

सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि शव को ठिकाने लगाते समय इंद्राणी और पीटर के बीच 15 मिनट बातचीत हुई थी। अभियोजक ने अदालत को यह भी बताया कि अगर पीटर के कुछ आला पुलिस अधिकारियों से अच्छे संपर्क थे तो उन्होंने शीना के लापता हो जाने के बाद उसकी तलाश में राहुल की मदद क्यों नहीं की।

इंद्राणी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और उसके ड्राइवर श्याम राय ने कथित तौर पर 24 साल की शीना की अप्रैल 2012 में एक कार में गला दबाकर हत्या कर दी थी। शीना इंद्राणी के पहले पति से उसकी बेटी थी। अगस्त 2015 में यह घटना सामने आई, जिसमें कथित तौर पर कुछ वित्तीय लेनदेन शामिल हैं।

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