शिक्षा सुधारने के लिए छात्रों की अदला-बदली

Update: 2016-04-04 05:30 GMT
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नई दिल्ली (भाषा)। मानव संसाधन विकास मंत्रालय शहरों के बड़े एवं प्रतिष्ठित स्कूलों और गाँवों के स्कूलों के बीच एक छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम तैयार कर रहा है, जिसका उद्देश्य गाँवों में पढ़ाई के स्तर को बेहतर करना है।

मंत्रालय पहले ही केंद्रीय विद्यालय संगठन और सीबीएसई जैसे संगठनों से ‘इच्छुक’ स्कूलों की सूची मांग चुका है ताकि शुरुआती चरण में करीब 100 ग्रामीण एवं शहरी स्कूलों को साथ जोड़ा जा सके।

स्मृति ईरानी के नेतृत्व वाले मंत्रालय ने भी राज्य सरकार से छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए कुछ शहरी एवं ग्रामीण स्कूलों की पहचान करने के लिए कहा और वह दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों में ‘पायलट’ परियोजनाएं शुरु करने की योजना बना रहा है।

योजना के तहत ग्रामीण स्कूलों के छात्र एक हफ्ते के लिए शहरी इलाकों के स्कूलों में जाएंगे जबकि शहरी स्कूलों के छात्र इतने ही समय के लिए ग्रामीण स्कूलों में जाएंगे। दोनों तरह के संस्थान परियोजना का कार्यान्वयन कर सकते हैं। परियोजना के तहत किस्सागोई से लेकर विभिन्न क्षेत्रों के सवालों का हल तलाशने जैसे विषय शामिल हो सकते हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘उद्देश्य शहरी या अर्द्ध शहरी इलाकों में अच्छा कामकाज करने वाले निजी या सरकारी स्कूलों को बातचीत एवं अनुभव के आदान-प्रदान के लिए जोड़ा जाना है। साथ ही छात्रों के लिए नई तरह की पढ़ाई उपलब्ध कराने के अलावा इससे स्कूलों के लिए एक सहयोग प्रणाली का भी निर्माण होगा।’’

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