शमशाद के पलायन की वजह दहशत नहीं कर्ज़ है

Update: 2016-07-21 05:30 GMT
शमशाद पलायन, दहशत नहीं कर्ज

बागपत। मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान घर छोड़ने वाले शमशाद ने दहशत में पलायन नहीं किया था, बल्कि अपनी भाभी और अन्य लोगों का कर्ज़ा चुकाने के डर से उसने खुद के घर में आग लगाई और वहां से भाग गया। जिसके बाद उसने गाँव के ही कुछ लोगों पर घर में घुसकर मारपीट करने और आग लगाने का आरोप लगाया था।

इसका खुलासा पुलिस की जांच रिपोर्ट में हो गया है। जांच रिपोर्ट बागपत एसपी ने डीआईजी को भेज दी है। जांच रिपोर्ट में शमशाद पर उसकी ही भाभी का साढ़े सात लाख रुपए और गाँव के अन्य लोगों का कर्ज़ा बाकी बताया गया है।

वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे के बाद आसपास के जनपदों शामली, बागपत में भी पलायन करने के कई मामले सामने आए थे। जिसमें गाँव के कुछ लोगों के खिलाफ धमकाने, मारपीट करने, घर में आग लगाने जैसे मुकदमे दर्ज हैं।

पलायन के मामलों की पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। दंगे के बाद दोघट थाना क्षेत्र के निरपुड़ा गाँव में रहने वाले शमशाद ने भी पुलिस से शिकायत करते हुए बताया था कि दंगे के दौरान वह दहशत में गाँव छोड़कर भाग गया था। 

जिसके बाद गाँव के कुछ लोगों ने उसके मकान का ताला तोड़कर कीमती ज़ेवरात लूट लिए थे और घर के सामान को आग लगाकर उस पर कब्ज़ा कर लिया था, जिसके बाद से शमशाद कांधला में रह रहा है। पुलिस शमशाद प्रकरण की भी जांच गंभीरता से कर रही थी।

जांच में शमशाद की ओर से लगाए गए सभी आरोप फर्जी पाए गए। शमशाद किसी दहशत में नहीं बल्कि कर्ज़े में गाँव छोड़कर भागा था। इसका खुलासा पुलिस की जांच रिपोर्ट में हुआ है। इस प्रकरण की जांच सीओ बड़ौत सीपी सिंह ने की। जांच में बताया गया कि शमशाद ने अपनी भाभी का मकान बेचकर साढ़े सात लाख रुपए अपने पास रख लिए थे। इसके अलावा प्रधान पुत्र निश्चय राणा के भी 70 हजार रुपए, पाल्ले बाल्मिकी का 25 हजार रुपए का कर्जा था। पुलिस की जांच रिपोर्ट एसपी ने डीआईजी को भेजी है।

रिपोर्टर - सचिन त्यागी 

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