श्रीनगर एनआईटी में तनाव बरकरार, गैर-कश्मीरी छात्रों को धमकी

Update: 2016-04-07 05:30 GMT
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नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने  कहा कि उन्हें एनआईटी श्रीनगर में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति अच्छी बनाए रखने को लेकर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आश्वस्त किया है।

ईरानी ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारी एनआईटी परिसर में मौजूद हैं ताकि चिंतित छात्रों और उनके अभिभावकों की मदद कर सकें।  एनआईटी श्रीनगर में हुई हिंसा से जुड़े एक सवाल के जवाब में ईरानी ने कहा कि 'कानून-व्यवस्था राज्य का मामला है और मैंने महबूबा मुफ्ती से बात की है। उन्होंने मुझे न केवल छात्रों के सुरक्षित होने का भरोसा दिलाया है, बल्कि इस बात की भी जांच करा रही हैं कि ऐसी घटना वहां हुई कैसे।' इस बीच श्रीनगर एनआईटी में तनाव जारी है और दूसरे राज्यों के छात्रों ने संस्थान को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने, लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग रखी है।

जायजा लेने के लिए भेजी दो सदस्यीय कमेटी

ईरानी ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों को संस्थान के हालात का जायजा लेने के लिए भेजा। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में मंगलवार  शाम पुलिस लाठीचार्ज में कई गैर कश्मीरी छात्रों के घायल होने के बाद केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान अब भी संस्थान के अंदर तैनात है। बताया जा रहा है कि कैंपस में अभी तक तनावपूर्ण स्थिति है।  

क्या है एनआईटी विवाद?

31 मार्च को कैंपस में वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में भारत की हार के बाद कश्मीरी बच्चों के भारत विरोधी और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने को लेकर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर स्थित भारतीय तकनीकी संस्थान (एनआईटी) में विवाद हो गया था। संस्थान में अध्ययनरत छात्रों ने बताया कि स्थानीय लोगों के साथ कुछ शिक्षकों ने भी कॉलेज में भारत की हार का जश्न मनाया। इसका गैर कश्मीरी बच्चों ने विरोध किया तो कश्मीरी बच्चों ने प्रथम वर्ष में अध्यनरत कुछ बच्चों की पिटाई कर दी। बाद में सीनियर कक्षाओं के गैर कश्मीरी बज्जों ने जवाब में उनकी पिटाई कर कॉलेज परिसर में तिरंगा फहरा दिया और जन गण मण गान भी गाया।

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