नई दिल्ली (भाषा)। सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये 80,000 करोड़ रुपए की एआईबीपी समेत विभिन्न योजनाओं के जरिए दो करोड़ हेक्टेयर भूमि सिंचाई के दायरे में लाने की योजना बना रही है। यह बात आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही।
किसानों की समस्या के लिए 11 राज्यों में भयानक जल संकट को जिम्मेदार ठहराते हुए सडक, परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री ने कहा कि सिंचाई योजना को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि कृषक समुदाय को राहत पहुंचाई जा सके।
गडकरी ने किसानों को मृत्यु-जाल से आजाद करने के विषय पर आयोजित कार्यशाला में कहा, ‘‘त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआइबीपी) समेत विभिन्न योजनाओं के जरिए दो करोड़ हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकती है और कृषि उत्पादन दोगुना हो सकता है। एआइबीपी के लिए बजट में 80,000 करोड़ रुपए का प्रावधान है।''
मंत्री ने कहा कि 89 परियोजनाओं के लिए एआईबीपी के अलावा प्रधामंत्री सिंचाई योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। महाराष्ट्र की 28 परियोजनाएं एआईबीपी में शामिल हैं।
किसानों की आत्महत्या को दु:खद घटना करार देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र उनकी समस्याओं के समाधान और ज्यादातर क्षेत्र को सिंचाई के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। फिलहाल सिर्फ 46 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि सिंचित है।