गोसाईंगंज (लखनऊ)। देश में पशुओं को आमतौर पर असंतुलित खुराक ही मिलती है जिससे उनके दुग्ध उत्पादकता पर खासा असर पड़ता है। इससे पशुपालक का काफी नुकसान होता है। इस समस्या से निपटने के लिए एक ऐसा सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप तैयार की गई है जिसके ज़रिए पशुपालक अपने पशु को क्या और कितना खिलाना ये जान सकता है।
‘राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड’ (एनडीडीबी) ने स्थानीय भाषा में चलने वाला ‘पशु पोषण’ नामक एप तैयार किया है। यह मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर व टैबलेट हर माध्यम पर चलाया जा सकता है। इस एप के ज़रिए आपको अपने पशु के पंजीकरण के लिए उनकी जानकारी एक फॉर्म में भरनी होती है, जिसके बाद एप आपको बताता है कि पशु को कितना और क्या खिलाएं।
लखनऊ में तैनात एनडीडीबी के प्रोग्राम मैनेजर मोहम्मद राशिद बताते हैं, “कई पशुपालक जानकारी के अभाव अपने पशुओं को संतुलित आहार नहीं देते हैं जिससे पशुओं का स्वास्थ्य खराब हो जाता है। इससे उनकी प्रजनन क्षमता तक समाप्त हो जाती है। इसी को देखते हुए इस साफ्टवेयर को बनाया गया ताकि लोग अपने पशुओं के आहार के लिए जागरुक हो सकें”।
उन्होंने बताया कि संतुलित आहार देने से दूध में फैट और एसएनएफ यानि पोषक तत्वों की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे पशुपालकों को अर्थिक फायदा भी होता है।
इस साफ्टवेयर को एनडीडीबी द्वारा कई जिलों में पायलट के तौर पर चलाया जा रहा है। इससे गाँव के ही एक -जिसको कम्प्यूटर के बारे में जानकारी हो-को चयनित किया जाता है।
उस व्यक्ति को दस दिन का प्रशिक्षण देकर लैपटाप दिया जाता है जिसके जरिए वह साफ्टवेयर डाउनलोड करके अपने आस-पास के पशुओं को संतुलित आहार के लिए जागरुक करता है। पिछले दो वर्षों से आहार संतुलन साफ्टवेयर ‘पशु पोषण’ को गाँव वालों तक पहुंचा रहे सर्वेश कुमार (26 वर्ष) बताते हैं, “आस-पास के तीन-चार गाँवों को मिलाकर पूरे 125 पशु हैं जिनको मैं संतुलित आहार देकर जागरुक कर रहा हूं, जिससे पशुओं के दूध उत्पादन में काफी अंतर आया है साथ ही पशु समय से गाभिन भी होते हैं”। सर्वेश गोसाईंगंज ब्लॉक के शाहजादेपुर गाँव में रहने वाले है। सर्वेश बताते हैं कि जिस पशु को चयनित करते हैं उन पर टैग लगाते हैं, फिर उनका वजन लेते हैं। दूध दुहने के समय उनका फैट और एसएनएफ की मात्रा देखते हैं।
इन सभी जानकारियों को साफ्टवेयर में डालकर संतुलित आहार का फार्मुला तैयार कर देते हैं उसके बाद उसके आहार में क्या बढ़ाना है और क्या घटाना है इन सभी की जानकारी सॉफ्टवेयर दे देता है। बताए गए हिसाब से पशुपालक को बताया जाता है कि क्या-क्या चीजें वो बढ़ा और घटा दें।
साफ्टवेयर के जरिए अपने पशु को आहार दे रहे कमलेश कुमार (26 वर्ष) बताते हैं, “संतुलित आहार खिलाने से मेरे पशु का दूध/वसा बढ़ा है, आहार की लागत भी घटी है और आमदनी भी अब ज्यादा होती है। मेरे पशु सही समय पर गाभिन भी होने लगे हैं”। कमलेश के पास छह भैंसे हैं, जिनको संतुलित आहार देकर अच्छा लाभ कमा रहे हैं।