सावधान, कहीं सेहत न बिगाड़ दे कार्बाइड से पका आम

Update: 2017-06-22 16:13 GMT
कार्बाइड से पका आम

सुंदर चंदेल, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

मेरठ। गर्मी के मौसम का मजा आम स्वाद से दोगुना रहता है। आम चखने के लिए लोग गर्मी का इंतजार करते है। मगर जरा सी लापरवाही लोगों को बीमारी दे सकती है। इस समय आप जो आम खा रहे हैं, उसे कैल्शियम कार्बाइड से पकाया जा रहा है। इसे खाकर बड़ी तादाद में लोग डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार ज्यादातर मरीजों को फोड़े-फुंसी की शिकायत आ रही है।

जिला अस्पताल और मेडिकल के अलावा गाँव देहात की पीएचसी में रोजाना दर्जनों मरीज एलर्जी से पीड़ित हैं। डॉक्टर का मानना है कार्बाइड से पके आम खाने से शरीर मेंगर्मी पनप जाती है, जो फोड़े फुंसी के रूप में शरीर के बाहर निकलती है। डॉक्टरर्स के अनुसार हर रोज सरकारी अस्पतालों में 70 से 80 मरीज एलर्जी के आ रहे हैं, जिसका कारण कारबाइड के पके आम खाना माना जा रहा है।

स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

फलों को जल्द पकाने की प्राक्रिया स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। डाक्टर भी मानते हैं कि शरीर में जाने वाले रसायन दिमाग तक आक्सीजन की आपूर्ति और नर्वस सिस्टम को बहुत तेजी से प्रभावित करता है। जो आम लंबे समय तक बाजार में मौजूद रहता है, वह पूरी तरह से कार्बाइड से पकाया जाता है। वहीं स्किन स्पेश्लिस्ट डॉक्टर लोकेश चौहान ने बताया कि इस समय फोड़े-फुंसी होना आम बात है। हमारे पास रोजाना एलर्जी के मरीज आ रहे हैं। इस समय एलर्जी होने का मुख्य कारण कृत्रिम तरीके से पके आम खाना है।”

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डॉक्टर अरुण कौशिक कार्बाइड से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हैं, “कैल्शियम कार्बाइड बहुत गर्म होता है, इसलिए जब यह शरीर के अंदर जाता है तो ये गर्मी एलर्जी के रुप में बाहर निकलती है। कार्बाइड में कैंसर पैदा करने के तत्व भी मौजूद होते हैं, इसकी वजह से न्यूरोलॉजिकल डिस्आर्डर होने की संभावना भी बनी रहती है, जिसकी वजह से शरीर में झुझुनी-सनसनी जैसे लक्षण सामने आते हैं।”

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वो आगे बताते हैं, “यदि कोई गर्भवति महिला कार्बाइड से पके आम खाती है, तो गर्भ में पल रहे बच्चे के मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है। यह न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को भी प्रभावित करता है, जिसके सामान्य लक्षण सिर दर्द, चक्कर आना, मूड स्विंग व मैमोरी लास होना है । कैल्शियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फास्फोरस का अंश होता है जो मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है।”

ऐसे पकाते हैं फल

एक्सपर्ट संजय चैधरी के अनुसार 30 किलो आम को पकाने के लिए 200 ग्राम कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग किया जाता है। कार्बाइड अखबार में लपेटा जाता है और आम से भरे डिब्बे में रख दिया जाता है। गर्मी और एसिटिलीन गैस की वजह से आम तेजी से पकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में फल का क्लारोफिल कम हो जाता है। साथही उसमें पाया जाने वाला पानी भी सूख जाता है, जिसकी वजह से फलों में पाई जाने वाली एंटीआक्सिडेट कम हो जाती है।

कार्बाइड पर प्रतिबंध

हमारे देश में खाद्य अपमिश्रण के अधिनियम के तहत फलों को कैल्शियम कारबाइड से पकाने पर प्रतिबंध है। इसके दोषी को छह माह तक की सजा और जुर्माना देने काभी प्रावधान है, लेकिन फल विक्रेता बिना किसी रोक-टोक के गोरखधंधा चला रहे हैं।

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