लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ा, कई जिलों में बाढ़ का खतरा 

Update: 2017-07-13 09:20 GMT
बनारस में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, अलर्ट।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

वाराणसी। पूर्वांचल समेत पहाड़ी क्षेत्रों में रुक-रुककर हो रही लगातार बारिश से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। बढ़ते जलस्तर के कारण बनारस समेत अन्य जगहों पर स्थित गंगा के घाटों की सीढ़ियां एक एक कर डूबती जा रही हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए बनारस के मान मंदिर से मणिकर्णिका घाट जाने वाला रास्ता बंद कर दिया गया। साथ ही घाटों की निगरानी बढ़ा दी गई है। बचाव कार्य को देखते हुए यहां एनडीआरएफ की टीम को भी तैनात कर दिया गया है।

कुल 12 टीमों का गठन कर अलग-अलग जगहों पर लगाया गया है। जिला प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों में भी ऐतिहातन बाढ़ चौकियों को सक्रिय रहने के निर्देश दे दिये हैं। चौकियों पर निगरानी रखने के लिए लेखपाल व कानूनगो को तैनात किया गया है।

2 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि वाराणसी में गंगा दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। हालांकि इलाहाबाद, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया समेत गंगा के तटवर्ती इलाकों में मंद गति से गंगा का बढ़ाव जारी है। अनुमान है कि आगामी तीन दिनों तक गंगा में बढ़ाव रहेगा। 24 घंटे में दशाश्वमेध घाट की तीन सीढ़ियां डूब चुकी है। वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर माना गया है। इससे गंगा लगभग सवा 8 मीटर नीचे है। दोपहर एक बजे तक गंगा का जलस्तर 62.78 रहा। इसी तरह इलाहाबाद में 74.48 मीटर जबकि मिर्जापुर में 67.73 मीटर जलस्तर रिकार्ड हुआ।

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गंगा किनारे रहने वाले संदीप कुमार (32वर्ष) बताते हैं,“ अब तक साढ़े 16 फीट पानी बढ़ चुका है। पांच फीट पानी और बढ़ते ही गंगा किनारे के घाटों का सम्पर्क टूट सकता है।” वहीं, नायब तहसीलदार वंदना मिश्रा का कहना है, “बाढ़ग्रस्त सभी गांवों के लिए बाढ़ चौकियां बनाकर कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गयी है। राजस्व निरीक्षक के नेतृत्व में लेखपालों की टीम सर्वे कर रही है।”

बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ मुस्तैद

प्रदेश में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए 12 टीमों का गठन किया गया है, जिन्हें मोटर वोट के साथ-साथ डीप ड्राइवर भी उपलब्ध कराए गए हैं। 11 एनडीआरएफ के कमांडर आलोक कुमार सिंह ने बताया, “24 घंटे चलित कंट्रोल रूम की स्थापना वाराणसी में हुई है। क्षेत्रीय कंट्रोल रूप लखनऊ, गोरखपुर व भोपाल समेत कई अन्य शहरों में स्थापित किए गए हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों में गर्भवती महिलाओं समेत अन्य जरूरतमंदों को प्राथमिकता से सुविधा मुहैया कराने के निर्देश मिले हैं।”

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