पहले पराए, फिर अपनों से दर्द पाई रेप पीड़ित युवती को आखिरकार परिवारवालों को अपनाना ही पड़ा

Update: 2017-03-18 17:32 GMT
आशा ज्योति केंद्र के स्टॉफ और पुलिस ने की कई दौर की कोशिश

स्वयं प्रोजेक्ट

लखनऊ । “घर से नाराज होकर जम्मू में रहने वाले अपने पति के पास जाने के लिए दो महीने पहले घर से बड़ी उम्मीदों के साथ निकली थी, रास्ता भटकने पर जिस अजनबी महिला पर भरोसा किया उसी ने दरिंदों के हाथों बेंच दिया, मेरे जिस्म का कई बार सौदा किया। आशा ज्योति केंद्र की मदद से वो दरिन्दे जेल में बंद हैं और आज मेरे घर वालों ने भी हमें अपने साथ रख लिया है ।“ ये कहना है बलात्कार पीड़िता युवती का। ।

आजमगढ़ जिले की रहने वाली बलात्कार पीड़िता (18 वर्ष) पनी आपबीती बताते हुए कहती हैं, “घरवालों ने कम उम्र में आठवीं पढने के बाद ही शादी कर दी थी, पति ने कुछ महीने अपने साथ रखा फिर छोड़ दिया, दो महीने पहले घरवालों से कुछ अनबन हुई तो सोचा जम्मू में रहने वाले पति के पास चली जाऊं, रास्ता पता नहीं था सिर्फ इतना ही पता था कि वो जम्मू में रहते हैं, गलत ट्रेन पर बैठ गयी जिससे लखनऊ चारबाग़ रेलवे स्टेशन उतरी ।“ वो आगे बताती हैं, “चाय पीने के लिए स्टेशन के बहार आयी, रात बहुत हो गयी थी मै डर भी रही थी तभी रेलवे स्टेशन के बहार एक होटल के सामने एक महिला मिली, जिसने अपना नाम राधा (28 वर्ष) बताया ।”

आशा ज्योति केन्द्र की सहायता से बलात्कार पीड़िता को मिला न्याय

आशा ज्योति केंद्र की सामजिक कार्यकर्ता अर्चना सिंह ने बताया, “पिछले महीने पांच फरवरी को चारबाग रेलवे स्टेशन से हमारे पास फ़ोन आया, हम लड़की से मिलने गये, मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करवाया, राधा अभी भी नहीं पकड़ी गयी है ।“ वो आगे बताती, “लड़की के घर वाले उसे स्वीकार करने को तैयार नहीं थे, घरवालों का कहना था जैसा किया है वैसा भुगते, लड़की आश्रय ग्रह में रहने को तैयार नहीं थी, बहुत समझाने बुझाने के बाद एक महीने तक रही ।“

“हम फ़ोन से पिछले एक महीने से लगातार उसके परिवार की काउंसलिंग करते रहे, लड़की घर जाने को लेकर बहुत बेचैन थी, उम्र कम है लड़की बहुत डरी हुई है कि घर वाले उसे बहुत मारेंगे, काफी समझाने बुझाने के बाद 17 मार्च को उसके परिवार वालों ने खुशी से उसे स्वीकार कर लिया।“ ये कहना है आशा ज्योति केंद्र की काउंसलर अनीता का ।

पीड़िता ने कहा, “उस महिला ने मुझे नौकरी देने का झांसा किया और चार दिनो तक अपने पास अच्छे से रखा, इसके बाद एक फ़ोन दिया जिसपर अश्लील फ़ोन आने लगे, उस महिला से जब कहा तो डांटने लगी और कहा जो वो लड़का कहे चुपचाप करो।”

पीड़िता के पास ये सब सहने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं था। पीड़िता ने आगे बताया, “एक दिन राधा के साथ घूमने गयी वहां तीन लडके मिले, वो लड़के मुझे अपने साथ ले गये, वहां उन्होंने मेरे साथ बलात्कार किया।”

ये पीड़िता के साथ पहला बलात्कार नहीं था उसने आगे बताया, “इसके बाद आलम मोहमद नाम का एक लड़का मुझे अपने साथ ले गया, उसने भी मेरे साथ रेप किया, विरोध करने पर धमकी देता, जैसे-तैसे अपने आपको बचाकर आशा ज्योति फ़ोन किया वहां की दीदी ने हमारी बहुत मदद की।”

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