कम मिल रहा मक्के का रेट, किसान परेशान

Update: 2017-06-13 22:33 GMT
मक्के की फलियां।

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

गुगरापुर (कन्नौज)। मक्का किसानों का उनको उपज का सही रेट नहीं मिल रहा है। कम रेट की वजह से उन्होंने फसल में पानी देना बंद कर दिया है। किसानों ने अपनी परेशानी भी बयां की है।

जिला मुख्यालय कन्नौज से 30 किमी दूर गुगरापुर ब्लॉक के सराय बारामऊ निवासी अनूप दुबे (48वर्ष) का कहना है, "एक बीघा मक्का में 2200 से 2600 रुपए की लागत लगती। इसमें नौ से ग्यारह बार सिंचाई की जरुरत पड़ती है, तब जाकर चार से पांच कुंतल मक्का निकलती है। इस बार रेट भी कम है 1100 से 1200 रुपए कुंतल बिक रही है।

मक्के के दाने।

वहीं, पालनपुर निवासी राजेंद्र पाल (45 वर्ष) का कहना, इस बार मक्का की पैदावार कम हो रही है। पिछली बार छह से सात कुंतल प्रति बीघा निकली थी। इस बार चार से पांच कुंतल निकल रही और रेट भी कम है।

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मोहनपुर निवासी शोभित कुमार (28 वर्ष) का कहना, किसान का किसी भी सरकार में भला नहीं होता। हमने सोचा था भाजपा की सरकार बनेगी, तो किसान भाइयों को लाभ होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। पिछली बार मक्का 1400 से 1500 रुपए प्रति कुंतल थी। इस बार 1100 से 1200 रुपये बिक रही है। अभी मक्का का रेट 1200 रुपए प्रति कुंतल चल रहा है। पिछले साल भी यही रेट था। शुरुआती दौर में फसल का रेट अच्छा मिलता है। कोई भी फसल अधिक आती है तो रेट में अंतर भी आता है। मंडी का भाव कम और अधिक भी हो सकता है।

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