बरसात का मौसम नजदीक फिर भी यूपी के इस ज़िलें में ज़रूरतमंदों को नहीं मिला सरकारी आवास

Update: 2017-06-22 10:46 GMT
इस कच्चे घर में रहता है मनोज का परिवार। 

मोहित मिश्र, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

कन्नौज। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की चौखट पर गुहार लगाते-लगाते पैरों में छाले पड़ गए। लिखित आश्वासन भी मिला, लेकिन आवास अब तक नहीं मिला। बरसात का समय शुरू हो चुका है, कच्चे मकान की छत के नीचे जिले में सैकड़ों लोग रात गुजारते हैं। यहां कभी भी अनहोनी हो सकती है।

जिला मुख्यालय कन्नौज से करीब 10 किमी दूर बसे गाँव मुरैया बुजुर्ग निवासी गणेश राठौर (18 वर्ष) मंगलवार को डीएम जगदीश प्रसाद की अध्यक्षता में चल रहे तहसील दिवस में पहुंचे। गणेश ने बताया, “मेरा परिवार कच्चे मकान में रहता है। परिवार की माली हालत ठीक नहीं है, जिससे अपने पैसे से पक्का मकान बना सकें। मुझे सरकारी योजना के तहत आवास दिलाया जाए।’’

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गणेश आगे बताते हैं, ‘‘मेरे पिता कुछ वर्षों में कई बार जनप्रतिनिधियों और अफसरों से आवास मांगने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। एक बार पिता मनोज कुमार की ओर से दिए गए शिकायती पत्र का जवाब भी आया।

चार मई 2016 को खंड विकास अधिकारी कन्नौज ने बताया कि बीपीएल 2002 की सूची में नाम न होने की वजह से आवास नहीं दिया गया है, लेकिन वर्ष 2011 की आवास सूची में नाम क्रमांक 19 पर अंकित है। साथ ही आवास के लिए पात्र भी बताया गया।’’ पत्र में लक्ष्य आने पर वरीयता क्रम में आवास देने की बात भी खंड विकास अधिकारी ने कही है। वहीं, डीएम जगदीश प्रसाद ने लक्ष्य आने पर आवास दिए जाने का आश्वासन सदर कन्नौज तहसील दिवस में दिया है।

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