मनरेगा श्रमिकों को कई महीने से नहीं मिली मजदूरी, पलायन को मजबूर  

Update: 2017-10-05 12:34 GMT
फोटो: गाँव कनेक्शन 

उपदेश कुमार

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

बिल्हौर (कानपुर)। तहसील क्षेत्र में बीते कई महीनों से हजारों मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी नसीब नहीं हो सकी है। इस कारण दिनों-दिन श्रमिकों की माली हालत बिगड़ती जा रही है। कई गाँवों से ग्रामीणों का शहरों के लिए पलायान शुरू हो गया है।

तहसील के बिल्हौर, ककवन, चौबेपुर और शिवराजपुर के मनरेगा श्रमिकों को बीते कई माह से मेहनताना नसीब नहीं हुआ है। इस कारण श्रमिकों और रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के बीच लगातार रार बढ़ रही है।

चौबेपुर के शादीपुर गाँव निवासी मनरेगा श्रमिकों को मई से लेकर जुलाई तक तालाब, संपर्क और अन्य प्रकार के कार्य कड़ी धूप में करने के बाद भी अभी तक मेहनताना नहीं मिला है।

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कुरेह गाँव निवासी सविता ने बताया, “मास्टर रोल पर हस्ताक्षर और काम कराने के लिए प्रधान, बीडीओ और अन्य श्रमिकों को बैठने नहीं देते, लेकिन अब जब मजदूरी नहीं मिल रही है तो कोई पूछने वाला नहीं है।” भैसउ गाँव में खेतों पर धान फसल की रखवाली कर रहे मनरेगा श्रमिक, रूप कुमार यादव ने बताया, “जब तक बकाया मजदूरी नहीं मिल जाती है तब तक कोई मनरेगा श्रमिक काम नहीं करेगा।”

शासन स्तर से ही मनरेगा श्रमिकों का पैसा अभी आवंटित नहीं हुआ है। मास्टर रोल और मनरेगा अधिकारियों को श्रमिकों में बढ़ रहे आक्रोश के बारे में बता दिया गया है। जल्द ही बकाया मजदूरी आने की संभावना है।
आलोक पांडे, बीडीओ बिल्हौर, प्रभार ककवन व शिवराजपुर ब्लाक

विकास खंड कार्यालय से सभी मनरेगा श्रमिकों की सूची आलाधिकारियों को भेज दी गई है। एपीओ मनरेगा सहित सभी अफसरों से शासन को डिमांड भी प्रेषित की है। श्रमिक परेशान न हों जल्द ही उनकी मजदूरी उनके बैंक खाते में भेज दी जाएगी। 
अमित सिंह परिहार, बीडीओ चौबेपुर

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