बारिश का इंतजार कर रहे पूर्वांचल के अन्नदाता 

Update: 2017-06-22 16:56 GMT
किसान बारिश का इन्तजार करते हुए 

जितेंद्र तिवारी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोरखपुर। पूर्वांचल के अन्नदाता इंद्रदेव की बांट खोज रहे हैं, तेज धूप के कारण खेतों में लगी धान की नर्सरी झुलस रही है। किसान किसी तरह पंपिंग सेट से सिंचाई कर नर्सरी को बचाने में जुटे हुए हैं। जिसके चलते किसानों की बेचैनी बढ़ रही है। वैसे मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पूर्वांचल में मानसून दस्तक दे चुका है। मौसम का रूख भीस्पष्ट है। मौसम विभाग के अनुसार बीते मई महीने में 37.7 मीमी व जून में अब तक 86.2 मीमी बारिश हो चुकी है।

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दरअसल, पूर्वांचल के अन्य जिलों के अलावा महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर में धान की बड़े पैमाने पर रोपाई होती है। इनमेंमहराजगंज और सिद्धार्थनगर में कालानमक व बासमती धान की अच्छी पैदावार होती रही है।

ब्रह्मपुर ब्लॉक के आमडीहा गाँव निवासी कैलाश मौर्या (उम्र 65वर्ष) ने बताया, “पिछले तीन साल से धान की फसल तबाह होती आ रही है, इस बार भी धान की नर्सरीझुलस रही है। इंद्रदेव की ओर टकटकी लगी है।”

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ब्रह्मपुर ब्लॉक के परसौनी गाँव निवासी रामसिंह रावत (उम्र 50 वर्ष) ने बताया,“ मौसम वैज्ञानिकों ने पहले ही आगाह किया था, बावजूद इसके कभी-कभी तेज धूप हो जारही है। बारिश कम होने से धान की नर्सरी को पंपिंगसेट से सिंचाई किया जा रहा है। ”

सरदारनगर ब्लॉक के चौरी गाँव निवासी हरगोविंद तिवारी (उम्र 65वर्ष) ने बताया,“ बारिश की आहट मिल रही है, लेकिन जितनी बारिश होनी चाहिए नहीं हो रही है। धानकी नर्सरी बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।”

बड़हलगंज ब्लॉक के नरहरपुर खड़ेसरी निवासी सुनील तिवारी (उम्र 42 वर्ष) ने बताया,“बारिश कम होने व तेज धूप के कारण धान की नर्सरी पर प्रभाव पड़ रहा है। पंपिंगसेट से सिंचाई कर नर्सरी को बचाया जा रहा है।”

“मानसून के दस्तक की संभावना सकारात्मक है, अभी सामान्य स्थिति चल रही है। पल-पल के अपडेट पर पैनी नजर है। किसानों को घबड़ाने व ज्यादा परेशान होने की की जरूरत नहीं है। अभी तक मौसम का रूख स्पष्ट है।” केपी पाण्डेय, मौसम वैज्ञानिक, मौसम विभाग, गोरखपुर।

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