स्वयं फेस्टिवल: इस पल आप बचा सकते हैं 3 ज़िंदगियां. आप भी करें रक्तदान 

Update: 2016-12-04 12:37 GMT
स्वयं फेस्टिवल के दौरान लखनऊ के सिविल हॉस्पिटल में रक्तदान करतीं वालिंटियर

ज़िंदगी और मौत सिर्फ ऊपरवाले के हाथ में नहीं है, हम और आप चाहें तो कुछ ज़िंदगियां हम भी बचा सकते हैं, रक्तदान करके। इसी सोच के साथ आज यूपी के कई ज़िलों में गांव कनेक्शन फाउंडेशन की ओर से रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। जेसीआई लखनऊ के सहयोग से आयोजित किए गए इस ब्लड डोनेशन कैंप में सुबह 9 बजे से ही वालिंटियर रक्तदान के लिए पहुंचने लगे।

सिविल हॉस्पिटल में रक्तदान शिविर

ललितपुर ज़िले के पाली तहसील में लगाए गए रक्तदान शिविर में बड़ी संख्या में युवा रक्तदान के लिए पहुंचे.

ललितपुर के पाली तहसील में रक्तदान करते लोग

आगरा के बिचपुर की चनप्रीत सुबह थोड़ा डरी हुई थीं, ज़िंदगी में पहली बार रक्तदान जो करने जा रही थीं। लेकिन रक्तदान की प्रक्रिया शुरू होते ही उनका डर ख़त्म हो गया। चनप्रीत खुश हैं कि उनका दिया हुआ खून किसी के काम आएगा। स्वयं फेस्टिवल के तहत यूपी के दूसरे कई ज़िलों की तरह आगरा के बिचपुर में भी रक्तदान शिविर लगाया गया था। समर्पण ब्लड बैंक के सहयोग से लगाए गए इस बल्ड डोनेशन कैंप में कई लोगों ने रक्तदान किया। रक्तदान करने वालों में ज़्यादातर युवा थे।

आगरा के ब्लड डोनेशन कैंप में रक्तदान करती चनप्रीत

एक रीसर्च के मुताबिक

-हर साल भारत में करीब 5 करोड़ यूनिट खून की ज़रूरत होती है, लेकिन सिर्फ ढाई करोड़ यूनिट खून ही मिल पाता है.

- भारत में हर दो सेकिंड में किसी ना किसी शख्स को ख़ून की ज़रूरत होती है. यानी इस पल कोई ना कोई ज़िंदगी आपसे मिलने वाले खून की मोहताज है.

-देश में हर दिन 38 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों के रक्तदान का ज़रूरत है, लेकिन इसके आधे लोग भी रक्तदान नहीं करते

जबकि

-रक्तदान बिल्कुल सुरक्षित प्रक्रिया है, जिसका शरीर को कोई नुकसान नहीं होता

-रक्तदान से पहले डोनर का मेडिकल टेस्ट होता है, यानि आपका शरीर रक्तदान करने की स्थिति में नहीं है तो आपसे खून नहीं लिया जाता

-हमारे शरीर में 10 यूनिट खून होता है, जिसमें से सिर्फ एक बोतल यानी एक यूनिट खून ही एक बार में दान करना होता है और ये दान किया गया खून कुछ ही दिन में दोबारा शरीर में बन जाता है.

-अगर आपने 18 साल की उम्र में रक्तदान करना शुरू किया और आप तीन महीने में भी एक बार अपना खून दान करते हैं, तो साठ साल की उम्र तक आप करीब 500 लोगों की ज़िंदगी बचा चुके होंगें।

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