ये हैं लखनऊ के 'फूडमैन', रोजाना 900 लोगों को मुफ्त में खिलाते हैं खाना

लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और बलरामपुर जिला अस्पताल परिसर में असाध्य और लाइलाज मरीजों के तीमारदारों को निशुल्क भोजन कराया जाता है

Update: 2019-05-27 10:04 GMT

लखनऊ। फूडमैन के नाम से लोकप्रिय विशाल सिंह के जीवन का एक ही मकसद है भूखे को भोजन और जरूरतमंद की मदद। लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान और बलरामपुर जिला अस्पताल परिसर में प्रसादम सेवा के तहत ये रोजाना असाध्य और लाइलाज मरीजों के करीब 900 तीमारदारों को निशुल्क भोजन करा रहे हैं।

लखनऊ निवासी विशाल सिंह (39वर्ष) ने बताया, " मेरे पिता बहुत बीमार थे। बीमार पिता को इलाज कराने गुरुग्राम लेकर लेकर गया। पिता जी के इलाज में बहुत पैसे खर्च हो गए। नौबत यहां तक आ गई की बिना कुछ खाए कई दिन भूखे गुजारने पड़े। अपने साथ-साथ कई ऐसे लोगों को देखा जिनके पास अस्पताल की भारी भरकम फीस और दवाई का बिल चुकाने के बाद खाने का भी पैसा नहीं बचता था। मैंने उसी समय सोच लिया था कि इन अस्पतालों के बाहर भूख से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ जरूर करुंगा।"

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लखनऊ आने के बाद मैं छोटे-मोटे काम करने लगा। धीरे-धीरे घरों में कैटरिंग करने का काम शुरू किया। देखते ही देखते मेरे व्यवसाय ने रफ्तार पकड़ ली। व्यापार में मैने काफी नाम और पैसा कमा लिया। कई मकान खरीद लिए। इतना कुछ पाने के बावजूद मुझे पिता के इलाज के दौरान बिताए वे लम्हें भूले नहीं थे। करीब 11 साल पहले पिताजी के नाम से विजयश्री फाउंडेशन बनाया। घर से भोजन बनाकर अस्पतालों में तीमारदारों को बाटना शुरू किया। मेरे काम को देखकर केजीएमयू प्रशासन ने न्यूरोलोजी के सामने एक कमरा मुहैया करा दिया। यहीं से शुरू हुई विजयश्री फाउंडेशन की प्रसादम सेवा। इस सेवा के तहत साफ-सुथरी व्यवस्था में लोगों को बैठा कर पौष्टिक और सात्विक भोजन परोसा जाता है। खाने में प्रतिदिन दाल, चावल, रोटी, सŽजी, पापड़, चटनी, सलाद, आचार और मीठा दिया जाता है।" विशाल ने आगे बताया।

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जरूरतमंदों को भोजन मिले इसके लिए केजीएमयू, लोहिया संस्थान और बलरामपुर अस्पताल में प्रशासन की ओर से टोकन प्रणाली को अपनाया गया है। इसके तहत तीनों अस्पतालों में एक अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो विभिन्न वार्डों में जाकर जरूरतमंद लोगों को टोकन देता है। दोपहर 12:30 बजे सभी लोग आकर एक सुसज्जित हॉल में बैठकर क्रमानुसार भोजन ग्रहण करते हैं। बहुत ही साफ-सुथरे माहौल में करीब 900 लोगों को मधुर भजनों के साथ चौकियों पर बैठाकर तीमारदारों को भोजन कराया जाता है।

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विशाल ने बताया, " रोजाना सैकड़ों लोगों को भोजन कराना इतना आसान नहीं था। इस काम में बहुत पैसे की जरुरत थी। मैंने व्यापार से जितना इकट्ठा किया था। वह धीरे-धीरे खत्म होता गया। लेकिन मैं हार मानने वाला नहीं था। मैंने अपने मकान बेच दिए। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब पैसों का अभाव होने लगा। इसी चिंता में मैं अवसाद में आ गया। केजीएमयू में मेरा इलाज भी हुआ। जब स्वस्थ हुआ तो बहुत से लोग मेरे साथ खड़े थे।"


विशाल ने बताया, " विजयश्री फाउंडेशन लोगों से कुछ मट्ठी राशन का सहयोग देने का आग्रह करता है।हम लोगों यह भी निवेदन करते हैं कि वह अपना अथवा अपने परिवारीजनों का जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ अभवा किसी की पुण्यस्मृति में अपने हाथों से कुछ लोगों को भोजन करवाकर पुण्य के भागी बनें। जरुरतमंदों तक भोजन और अन्य चीजें पहुंचाती रहे इसके लिए समाज के लोगों से सेवा मिशन में जुडऩे का आग्रह भी किया जाता है। हम लोगों ने रूरतमंदों और आपात स्थिति में मदद के लिए हेल्पलाइन भी जारी की है। इस 9935888887 नंबर पर कोई भी व्यक्ति संपर्क कर सेवादार के रूप में अथवा मदद प्राप्त कर सकता है।"

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