जल संकट: मध्य प्रदेश के सागर में पानी की कमी, पानी भरने जाना पड़ता है दो किलोमीटर दूर

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के सागर जिले में बूंद बूंद पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जून की जान लेती गर्मी के बीच लोग पानी खोजने और प्यास बुझाने की जद्दोहद कर रहे हैं

Update: 2019-06-14 13:25 GMT

रश्मि पुष्पेंद्र वैद्य, कम्युनिटी जर्नलिस्ट

सागर (मध्य प्रदेश)। बुंदेलखंड के सागर जिले में लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। जून की जान लेती गर्मी के बीच लोग पानी खोजने और प्यास बुझाने की जद्दोहद कर रहे हैं। सागर के गांवो की हालात यह है कि लोग प्यास बुझाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर 30-40 फीट गहरे कुएं में उतर पानी भर रहे हैं। शहरी क्षेत्रों के लिए प्रशासन ने टैंकर की व्यवस्था की है, लेकिन पानी की कमी के चलते ही वहां भी माहौल धक्कामुक्की में तब्दील जाता है।

12 महीने लगातार बनी रहती जल संकट की समस्या 

सागर की परसोरिया ग्राम पंचायत में ऐसा नहीं कि सिर्फ गर्मी के दिनों में ही जल संकट की समस्या सामने आती है। यहां जल संकट की समस्या लगातार 12 महीने बनी रहती है। परसोरिया गांव की ग्रामीण उषा रानी बोलती है उन्हें पानी भरने के लिए दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। हम तो परेशान है ही साथ में घर के बच्चे भी इस चक्कर में परेशान होते हैं। गांव की ही एक अन्य महिला सविता भी दो किलोमीटर दूर से पानी भरने आती हैं। वह बताती हैं कि कभी-कभार भीड़ की वजह से ऐसा होता हैं कि पानी नहीं मिल पाता है, तो मायूस लौटना पड़ता है। गांव के प्रधान से पानी की समस्या को लेकर बात की है लेकिन वो बोलते हैं जब गांव में पानी ही नहीं है तो वह क्या कर सकते हैं?

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रात से पानी भरने के लिए लगने लगती है लाइन

सागर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर परसोरिया ग्राम पंचायत में कुएं से पानी भरने के लिए रात से ही लाइन लगनी शुरू हो जाती हैं। गांव के निवासी हरिसिंह जो छात्र हैं वो बताते हैं कि कुआं बस 15 मिनट के लिए ही  पानी भरने के लिए खुलता है, फिर बंद हो जाता हैं। अक्सर  भीड़ की वजह से कुएं से पानी भरना मुश्किल हो जाता है, फिर हमें दो से तीन किलोमीटर पानी भरने के लिए आगे जाना पड़ता है। पढ़ाई के बारे में पूछने पर हरि सिंह कहते हैं जब सारा समय पानी भरने में लग जाता है तो पढ़ाई क्या करेंगे। वह कहते हैं कोई भी सरपंच बनता है, कुछ नहीं करता है। शासन ने लाइन डलवाने के लिए पैसे भी भेंजे थे लेकिन अभी तक गांव में लाइन नहीं पहुंची।

जलसंकट के इस भीषण समस्या पर ग्राम पंचायत परसोरिया के सचिव राम विशाल श्रीवास्तव का कहना है कि परसोरिया में जल स्तर काफी कम है। शासन की ओर से लाइन परियोजना के लिए 63 लाख भेंजे गए हैंष लेकिन उसकी रफ्तार बेहद धीमी है। अभी तक उसे पूरा होने में समय लगेगा। तब तक प्रशासन को पानी के इस समस्या को हल करने के लिए वैकल्पिक कदम उठाने पड़ेंगे

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