ताकत नहीं अब तकनीकी से चलेंगे रिक्शे

Update: 2015-08-19 05:30 GMT

प्रदेश सरकार ने मुफ्त ई-रिक्शा योजना का किया आगाज, प्रदेश के 100 लोगों को मिले हाईटेक रिक्शे

लखनऊ। ''मेरी पूरी जिंदगी रिक्शा खींचते हुए चली गई। अब इस उम्र में दिन में 10-12 घंटे रिक्शे चलाना मुश्किल था, लेकिन मुख्यमंत्री जी ने जो रिक्शा दिया है उससे आमदनी तो बढ़ेगी ही, साथ ही मेरी उम्र भी लंबी हो जाएगी।" मैनपुरी के अकरम (47 वर्ष) ई-रिक्शा की चाभी को दिखाते हुए कहते हैं।

अकरम उन सौ लोगों में से एक हैं जिन्हें प्रदेश सरकार ने मुफ्त ई-रिक्शा योजना के तहत बैटरी से चलने वाले रिक्शे मुफ्त में दिए हैं।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ के राममनोहर लोहिया पार्क में पारंपरागत रिक्शा चालकों को आधुनिक ई-रिक्शा देने की योजना की शुरुआत की।

इस दौरान राममनोहर लोहिया को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''लोहिया जी जब देखते थे कि रिक्शे पर इंसान, इंसान को खींच रहा है तो उन्हें बहुत तकलीफ होती थी। वो रिक्शा चलाने वाले लोगों की तकलीफ को दूर करना चाहते थे सरकार आज ई-रिक्शा योजना से उनकी इच्छा पूरी की है।"

लखनऊ के राममनोहर लोहिया पार्क में समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने 100 परंपरागत रिक्शा चालकों को बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा की चाभी सौंपी। कार्यक्रम में लखनऊ के 25, रामपुर के 15, सहारनपुर, कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, एटा, बदायूं व सहारनपुर के दस-दस रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा की चाभी सौंपी गई।

मैनपुरी जिले के छह सड़का निवासी अकरम की तरह बाकी रिक्शा चालक काफी खुश नज़र आ रहे थे। बदायूं के सुभाष (35 वर्ष) बताते हैं, ''मैं अभी ऑटो चलाता था लेकिन उसमें 450 रुपये ऑटो मालिक को देने पड़ते। अब ऑटो अपना होगा तो कमाई दोगुनी हो जाएगी।" गले में पहने गेंदे की फूलों की माला को दिखाते हुए सुभाष कहते हैं, ''मुख्यमंत्री ने रिक्शा तो दिया है ये माला भी पहनने को मिली हम रिक्शा वालों को कौन इतनी इज्जत देता है।"

ई-रिक्शा के आवंटन पत्र के साथ उसे चलाने का प्रशिक्षण भी सरकार दिलाएगी। बुधवार से 10 दिनों का इन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा रिक्शा का पंजीयन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट व बीमा का जिम्मा भी सरकार कर रही है। नगरीय निकायों में 30 नवम्बर 2014 तक पंजीकृत व डूडा कार्यालय द्वारा चयनित लोगों से पारम्परिक रिक्शा लेकर जल्द ई-रिक्शा सौंपने का कार्य शुरू होगा। एक रिक्शे की कीमत एक लाख 37 हजार 7 सौ 27 रुपये है। बीमा व पंजीयन आदि पर 30 हजार रुपये खर्च होगा। यानी एक रिक्शा की कीमत 1.68 लाख रुपये होगी।

समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में परम्परागत रिक्शा वापस लेकर उनके चालकों को मुफ्त में ई-रिक्शा देने का वादा किया था। मंच से रिक्शा चालकों की मेहनत की तारीफ करते हुए मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री से ऐलान करवाया कि प्रदेश में 27 हजार लोगों को मुफ्त रिक्शे दिए जाएंगे। लखनऊ में आयोजन के बाद अब जिलों में आयोजन करके वहां निकायों में पंजीकृत रिक्शा चालकों को मुफ्त रिक्शे दिए जाएंगे।

  • पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से 27 हजार लोगों को मिलेंगे मुफ्त ई-रिक्शे।
  • करीब एक लाख 68 हजार रुपये है रिक्शे की कीमत, ट्रेनिंग भी दिलाएगी सरकार।
  • नगर निगम और नगर निकाय में करवाएं पंजीकरण।
  • स्थानीय निकायों में मुफ्त ई-रिक्शे के लिए पंजीकरण व्यवस्था चालू है।
  • योजना में पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर लाभ दिया जाएगा। ई-रिक्शे देने से पहले लाभार्थी का बायोमीट्रिक पंजीकरण किया जाता है।

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