फैट टैक्स भी नहीं रोक पाएगा फास्ट फूड कारोबार की तेज़ रफ्तार

Update: 2016-07-24 05:30 GMT
फैट टैक्स भी नहीं रोक पाएगा फास्ट फूड कारोबार की तेज़ रफ्तार

लखनऊ। केरल में फास्ट फूड पर फैट टैक्स लगने के बावजूद अगले 5 साल में फास्ट फूड का बिजनेस 24 हजार करोड़ रुपये को पार कर सकता है। केरल की तरह दूसरे राज्य भी फास्ट फूड पर फैट टैक्स लगाने की सोच रहे हैं लेकिन लोग इस वजह से फास्ट फूड कम खाएंगे ऐसा होना मुश्किल लग रहा है। नेशनल रेस्टोरेंट एसोशिएशन ऑफ इंडिया यानी NRAI की रिपोर्ट की मानें तो देश में अगले 5 साल में फास्ट फूड का बिजनेस 24 हजार करोड़ रुपये को पार कर सकता है।

देश में बर्गर, पिज्जा, नूडल्स और डोनट जैसे फास्ट फूड के बिजनेस की ग्रोथ भी फास्ट हो रही है। NRAI की रिपोर्ट के मुताबिक देश में बाहर जाकर खाने के लिए सबसे ज्यादा 36 फीसदी लोग Dominoz, Sub-way, McDonald और KFC जैसी क्विक सर्विसेज रेस्टोरेंट को पसंद करते हैं। इसके बाद 30 फीसदी लोग Pizza Hut, Sagar Ratna और Pepe Jones जैसे फूड चेंस में जाते हैं। Cafe Coffe Day और Starbucks जैसे कॉफी शॉप में भी 17 फीसदी लोग जाना पसंद कर रहे है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर देश के सभी रेस्टोरेंट को एक इंडस्ट्री का हिस्सा मान लिया जाए तो इसका साइज रेलवे, होटल और बॉलीवुड से भी कई गुना बड़ा निकलेगा।

NRAI ने अपनी रिपोर्ट के लिए देश के 20 शहरों में 2000 लोगों और 50 बड़े रेस्टोरेंट के CEOs से बातचीत की है। रिपोर्ट में सेक्टर की चुनौतियों पर भी फोकस किया गया है। इस रिपोर्ट की मानें तो साल 2021 में फास्ट फूड का मार्केट मौजूदा 9 हजार करोड़ से बढ़कर 24 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यानी आने वाले सालों में क्विक सर्विस रेस्टोरेंट का बिजनेस ही सबसे तेजी से आगे बढ़ेगा।

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