बदलाव के नायकों की कहानियाँ दर्ज करने के लिए गाँव कनेक्शन की नई पहल 'द चेंजमेकर्स प्रोजेक्ट'
चेंजमेकर प्रोजेक्ट एक साथ दो उद्देश्य को लेकर चल रहा है, जिसमें एक तरफ वीडियो, ऑडियो और टेक्स्ट के माध्यम से चेंजमेकर्स की कहानियों की पहचान करना और उनको डॉक्यूमेंट करना शामिल है तो वहीं दूसरी ओर चेंजमेकर्स की अपनी तरह की एक अनूठी नेशनल रजिस्ट्री को तैयार करना भी है। इसमें उन लोगों की कहानियाँ होंगी जो या तो खुद चेंजमेकर्स होते हैं या फिर लोगों का ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं।
समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले और लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले शख्सियतों और संगठनों को पहचानने और उन्हें लोगों के सामने लाने के लिए गाँव कनेक्शन ने 2 अक्टूबर, 2023 को गांधी जयंती और शास्त्री जयंती पर 'द चेंजमेकर्स प्रोजेक्ट' लॉन्च कर दिया है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश में चेंजमेकर्स की अपनी तरह की एक अनूठी नेशनल रजिस्ट्री को तैयार करना है। इसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, पर्यावरणविदों, किसानों, और कलाकारों से लेकर ऐसे व्यक्तियों तक को शामिल किया जाएगा, जिनके काम ने लोगों के जीवन को बदल दिया है। इन लोगों को चेंजमेकर्स प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में सामने लाया जाएगा।
गाँव कनेक्शन पिछले 11 सालों से जुड़ा रहा है और उनकी कहानियों को आगे लेकर आ रहा है। चेंजमेकर्स प्रोजेक्ट इसी दिशा में एक और कदम है। सैकड़ों हज़ार लोग ऐसे हैं जिनके जीवन का मिशन दूसरों की मदद करना है। ये लोग अक्सर विपरीत परिस्थितियों में कम से कम संसाधनों के साथ काम करते हैं।
दूसरी ओर ऐसे भी लोगों का एक समूह है जो लोगों का चेंजमेकर्स बनने के लिए प्रेरित करते हैं। इन्हें हम मददगार भी कह सकते हैं। इनके पास संसाधन हैं और वे काम करने वालों की मदद करना चाहते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि उन तक कैसे पहुंचा जाए। या फिर उनकी मदद के लिए आगे आने से पहले उनके काम के प्रभाव को कैसे आंका जाए।
इस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में बनाई जाने वाली चेंजमेकर्स की नेशनल रजिस्ट्री काम करने वाले चेंजमेकर्स और चेंजमेकर्स बनाने में मदद करने वाले लोगों के बीच एक पुल के रूप में काम करेगी और दोनों को जोड़ेगी। यह शायद पहली बार है जब देश में चेंजमेकर्स की ऐसी कोई नेशनल रजिस्ट्री बनाई जा रही है।
चेंजमेकर प्रोजेक्ट लॉन्च करने की जरूरत के बारे में बात करते हुए गाँव कनेक्शन के संस्थापक नीलेश मिसरा ने कहा कि उन अच्छे लोगों को पहचान करना समय की माँग है, जिन्हें अपने काम के लिए पर्याप्त सराहना और पहचान नहीं मिलती है।
उन्होंने गाँव कनेक्शन को बताया, “यह प्रोजेक्ट चुपचाप और निस्वार्थ भाव से काम करने उन व्यक्तियों को पहचानने की हमारी इच्छा है जो लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर डाल रहे हैं। इन चेंजमेकर्स के लिए ब्रांडिंग और मार्केटिंग की दुनिया मायने नहीं रखती हैं। यह उन व्यक्तियों के बारे में है जो कैमरों के सामने आने से कतराते हैं और सोशल मीडिया पर अपने अच्छे काम के बारे में रील बनाने में न तो विश्वास करते हैं और न ही ऐसा करना जानते हैं। ये वे 'चेंजमेकर्स' हैं जिनका हम दस्तावेजीकरण करना चाहते हैं।''
उन्होंने कहा, “ये अनजान और बदलाव लाने वाले वे लोग हैं जिनकी वजह से यह दुनिया चारों ओर फैले अंधकार के बावजूद एक उजली जगह बनी हुई है। ये वे लोग हैं जिन्हें शायद ही कभी नायकों के रूप में गिना जाता है, लेकिन वे दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहते हैं।”
जिन कैटेगरीज में चेंजमेकर्स की वीडियो, ऑडियो और टेक्स्ट कहानियों को दर्ज किया जाएगा, उनमें तकनीकी इनोवेशन, खेती और उससे जुड़े क्षेत्र, शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और भोजन, लिंग और मानवाधिकार, जल और स्वच्छता, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन्य जीवन, कला, संस्कृति और जीवन शैली, और कानूनी मुद्दे शामिल हैं।
गाँव कनेक्शन की प्रबंध संपादक निधि जम्वाल ने कहा, "चेंजमेकर्स प्रोजेक्ट भारत में चेंजमेकर्स की एक अनूठी रजिस्ट्री बनाने के लिए गाँव कनेक्शन का एक साहसिक प्रयास है।" वह आगे कहती है, “पिछले 11 वर्षों से हम हर दिन उन नायकों की सैकड़ों कहानियों को सामने ला रहे हैं जो निस्वार्थ भाव से काम करते हैं। इन सभी 'काम करने वालों' को एक छत के नीचे लाने की सख्त जरूरत है ताकि ये नायक और उनसे जुड़े काम ज्यादा से ज्यादा दिखाई दे। और जो लोग या संगठन उनकी मदद करना चाहते हैं, वे आसानी से उनसे जुड़ सकें।'
जम्वाल ने बताया, “देश के हर राज्य में फैले 470 जिलों में अपनी उपस्थिति के साथ, हमारा लक्ष्य इस प्रोजेक्ट के जरिए दो चीजें करना है। एक तो सामुदायिक पत्रकारों, ग्राउंड एक्टिवेशन स्वयंसेवकों और पत्रकारों की हमारी टीम ग्रामीण भारत पर खास ध्यान देते हुए चेंजमेकर्स की वीडियो, टेक्स्ट और ऑडियो के माध्यम से दस्तावेजीकरण करेगी। तो वहीं दूसरी तरफ हम इन चेंजमेकर्स की एक नेशनल रजिस्ट्री भी बनाएंगे।''
नेशनल रजिस्ट्री में रजिस्टर और लॉग इन करके सदस्य देशभर के चेंजमेकर्स को खोज सकेंगे और मदद के लिए उन तक पहुँच सकेंगे। अब चाहे वह वित्तीय संसाधनों के मामले में उनकी मदद करना चाहते हों, या समय देना चाहते हों या फिर उनको कुछ डोनेट(लैपटॉप, स्मार्टबोर्ड) करने के मामले में मदद करना चाहते हों। या फिर बात फ्री ट्रेनिंग औऱ कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अनुप्रयोग की हो।
इस साल की शुरुआत में गाँव कनेक्शन ने ग्रामीण भारत में शिक्षकों और शिक्षकों की कहानियों का दर्ज करने के लिए टीचर कनेक्शन प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इसी तरह से किसान कनेक्शन प्रोजेक्ट के जरिए गाँव कनेक्शन किसानों और कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों की कहानियों को पाठकों के सामने लाया और उनका दस्तावेजीकरण किया गया था।
पिछले महीने शिक्षक दिवस पर गाँव कनेक्शन ने टीचर कनेक्शन प्रोजेक्ट के जरिए ‘ग्रामीण भारत में शिक्षा को बदलने वाले शिक्षकों की 100 कहानियाँ’ शीर्षक से एक व्यापक प्रकाशन भी जारी किया था।
गाँव कनेक्शन इनसाइट्स वर्टिकल नियमित रूप से ओपन सोर्स किताबें निकालता है जो ग्रामीण भारत में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। इसने पूरे भारत में तीन ग्रामीण सर्वे किए हैं और इन सर्वो के निष्कर्षों पर तीन विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई हैं। इन सर्वेक्षण रिपोर्टों को www.gaonconnection.com पर फ्री डाउनलोड किया जा सकता है।
गाँव कनेक्शन इनसाइट्स प्लेटफॉर्म की कल्पना ग्रामीण भारत की चिंताओं, समस्याओं, चुनौतियों और उपलब्धियों को आवाज देने और इन आवाजों को सत्ता के गलियारों तक पहुंचाने के लिए की गई है। यह हाशिए की आवाज़ों को मुख्यधारा में लाने और दोनों के बीच की खाली जगह को भरने का एक प्रयास है।
अगर आप एक वालंटियर के रूप में चेंजमेकर्स प्रोजेक्ट में शामिल होना चाहते हैं और हमें अपने क्षेत्र के चेंजमेकर्स से जुड़ने में मदद करना चाहते हैं, तो कृपया हमें ईमेल करें
connect@gaonconnection.com या हमें +91 95656 11118 पर व्हाट्सएप करें