उच्चतम न्यायालय की मंजूरी के बाद रावत फिर से बनेंगे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय ने कल उत्तराखंड विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण पर आज अपनी मंजूरी की मुहर लगा दी जिसके बाद कांग्रेस के नेता हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ किए जाने के छह सप्ताह बाद फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने अपनी व्यवस्था में कहा, ‘‘रावत को शक्ति परीक्षण में 61 में से 33 वोट मिले। मतदान में कोई अनियमितता नहीं पाई गई। नौ विधायक अपनी अयोग्यता के कारण मतदान नहीं कर सके।''
साथ ही पीठ ने राष्ट्रपति शासन को वापस लेने का आदेश दिया ताकि 68 वर्षीय रावत मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाल सकें।
देहरादून में यह खबर फैलते ही जश्न शुरु हो गया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कल राज्य विधानसभा में संपन्न हुए शक्ति परीक्षण में रावत जीत गए हैं।
इस घटनाक्रम को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है जिसने उत्तराखंड में विनियोग विधेयक पर मतदान के दौरान कांग्रेस के नौ विधायकों के भाजपा के पक्ष में होने के बाद कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त कर दिया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।
इसके बाद बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया। इस फैसले को उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा और उच्चतम न्यायालय ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया।