लखनऊ। आंखें बंद है। माथे पर गहरी चोट। अधेड़ उम्र की ये महिला आखिर कहां से आई है। किसी को नहीं पता है। न वह बताने की हालत में ही है। बसपा की रैली के बाद भगदड़ में उसको बुरी तरह से चोटें आईं। उसको बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। अब उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उसके साथ की ही एक और महिला भी ऐसी ही हालत में है। रैलियों में आने वाले लोगों का ऐसा ही बुरा हाल होता है। मगर भीड़ नियंत्रण को लेकर कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किये जाते हैं। हमेशा ही इस तरह से लोग शिकार होते रहे हैं।
प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही बसपा
अब बसपा इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। सियासत में उमड़ने वाली भीड़ यहां पैरों तले कुचल कर मौत का शिकार भी होती है। बहुजन समाज पार्टी की रैली में दो महिलाओं की मौत से पहले भी कुछ इसी तरह से 50 अन्य लोग भी रैलियों और सियासी आयोजनों में मौत का शिकार हो चुके हैं।
आयोजनों में सिर्फ लोग बने शिकार
साल 2000 में लालजी टंडन के जन्म दिन पर साड़ी वितरण के आयोजन में 22 महिलाओं की मौत हुई थी। यह आयोजन गोल मार्केट महानगर के चंद्रशेखर आजाद पार्क में हुआ था। इसके एक साल बाद ही साल 2001 में मायावती की रैली के बाद चारबाग रेलवे स्टेशन पर भयानक भगदड़ हुई थी, जिसमें 27 लोग मारे गए थे। इसके अलावा 100 के करीब लोग घायल हुए थे। 2001 में ही राजधानी के कैंट में सेना भर्ती के दौरान सैप्टिक टैंक फटने की वजह से भगदड़ और दम घुटने से 27 युवकों की मौत हुई थी।
दोनों महिलाओं का जारी है इलाज
ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉ वेदप्रकाश ने बताया कि बलरामपुर से रेफर होकर दो घायल महिलाएं यहां आई थीं। दोनों का इलाज जारी है। मगर दोनों कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। इसलिए उनसे बात नहीं की जा सकी है।
मगर प्रशासन कभी नहीं लगा पाता अंदाजा
इस तरह के हादसों के बाद भी जिला प्रशासन के प्रयास अधूरे नजर आते हैं। रैली के बाद सोमवार को प्रशासन अंदाजा लगाने में नाकामयाब रहा। इस वजह से यह हादसा हुआ। प्रशासन के इंतजाम यहां नाकाफी थे। रैली में शामिल रहे आजमगढ़ के वीरपाल सिंह ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। सबकुछ रामभरोसे चल रहा था। इस वजह से ये हादसा हुआ था। प्रशासन इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।
हमारे ओर से पूरे पुख्ता इंतजाम किये गये थे। मगर रैली आयोजकों की ओर से पर्याप्त प्रबंधन न होने के चलते ये हादसा हो गया। जिला प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार नहीं है।सत्येंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी
रैली में भगदड़ के लिए बसपा ने सपा को बताया जिम्मेदार
रविवार को अपनी रैली में मची भगदड़ के लिए बसपा ने सपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। सोमवार को बसपा की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया है। जिसके बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम के दौरान फैली अव्यवस्था, दो लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने में सपा सरकार की लचर प्रशासनिक व्यवस्था जिम्मेदार है। मायावती ने सपा सरकार की तरफ से मृतकों को 2-2 लाख रुपए देने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बीएसपी के स्वाभिमानी लोगों को खैरात नही बल्कि न्याया मिलना चाहिए। जो इस दुखद घटना में लिए लारवाही और कर्तव्यहीन अधिकारियों को उचित सजा देकर दी जा सकती है। मायावती ने राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है और अखिलेश सरकार स्मार्ट फोन के जरिए गरीबों का दिल बहलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को दिन में तारे दिखाने की कोशिश सपा सरकार कर रही है।