अंसारी के पैरोल के खिलाफ चुनाव आयोग की याचिका पर कल फैसला

Update: 2017-02-26 13:01 GMT
mukhtar ansari 

नई दिल्ली (भाषा)। दिल्ली उच्च न्यायालय विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश के विधायक मुख्तार अंसारी को निचली अदालत द्वारा दी गयी हिरासत में पैरोल रद्द करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा दायर याचिका पर कल अपना फैसला सुना सकती है।

उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग, अंसारी और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दलीलें सुनने के बाद गत 22 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सरकार ने भी विधायक को मिली राहत का विरोध किया है।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था, ‘‘इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरुरत है। उन्हें (अंसारी) जो मिल रहा है (सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों के साथ हिरासत में पैरोल) वह असल में जमानत से ज्यादा है।'' हाल में बसपा में शामिल हुए अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। निचली अदालत ने चुनाव प्रचार करने के लिए गत 16 फरवरी को उन्हें चार मार्च तक के लिए हिरासत में पैरोल पर रखा है।

चुनाव आयोग की याचिका के बाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया था कि वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। 2005 में हुई हत्या के मामले में अंसारी के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। बाद में उत्तर प्रदेश सरकार, अभियोजन एजेंसी एवं मामले के शिकायतकर्तर ने भी लखनऊ की जेल से अंसारी को रिहा करने के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था।

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