गाँव कनेक्शन संवाददाता
उन्नाव। लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार भाजपा ने जिले की सभी विधानसभा सीटों पर अपने पत्ते खोलते हुए जिले की पांच विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की।
पार्टी ने सपा से नाता तोड़ने वाले कुलदीप सिंह सेंगर को बांगरमऊ, सफीपुर से बंबालाल दिवाकर, मोहान से बृजेश रावत, भगवंतनगर से पार्टी प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित, पुरवा से राकेश उत्तम लोधी को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि सदर सीट से पहले ही पंकज गुप्ता के नाम पर मोहर लग गई थी।
भाजपा की ओर से जिले की छह विधानसभा सीटों पर जिन नामों की घोषणा की गई है उनमें तीन धुरंधरों के साथ तीन नए चेहरे शामिल हैं। पार्टी की ओर से जिन नामों की घोषणा की गई है उनमें पंकज गुप्ता सदर से और कुलदीप सिंह सेंगर भगवंतनगर सीट से वर्तमान समय में विधायक हैं। वर्ष 2012 में सपा के बैनर तले चुनाव लडऩे वाले कुलदीप सिंह सेंगर ने हाल ही में भाजपा का दामन थामा था। जिसके बाद से ही इस बात की चर्चा होने लगी थी कि वह बांगरमऊ सीट से चुनाव लड़ेंगे। रविवार को पार्टी की ओर से जारी की गई सूची में कुलदीप सिंह सेंगर को बांगरमऊ सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
सदर विधानसभा सीट से 2012 के चुनाव में पंकज गुप्ता ने अपना भाग्य आजमाया था लेकिन वह जीत नहीं दर्ज कर सके थे। हालांकि 2014 में हुए उपचुनाव में भाजपा की लहर की दम पर उन्होंने रिकार्ड जीत दर्ज की थी। वहीं पुरवा विधानसभा सीट से लगातार चार बार विधायक रहने वाले पार्टी प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित को भगवंतनगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
इन तीन चेहरों को अगर छोड़ दें तो पार्टी ने तीन नए चेहरों को इस बार चुनाव मैदान में उतारा है। भाजपा की ओर से सफीपुर से बंबालाल दिवाकर, मोहान से बृजेश रावत और पुरवा से राकेश उत्तम लोधी को टिकट दी गई है। यह तीनों प्रत्याशी पहली बार विधानसभा चुनाव लडऩे जा रहे हैं।
बसपा, सपा और अब भाजपा
सपा का दामन छोडक़र भाजपा में शामिल हुए कुलदीप सिंह सेंगर ने वर्ष 2002 में सबसे पहले बसपा के टिकट पर सदर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। यहां उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार शिवपाल को 3578 वोटों से हराया था। 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कुलदीप सिंह सेंगर ने अपना भाग्य आजमाया लेकिन इस बार उन्होंने सीट बदलने के साथ ही पार्टी भी बदल दी। 2007 के विधानसभा चुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर ने सपा के टिकट पर बांगरमऊ से चुनाव लड़ा और बसपा के रामशंकर पाल को 2131 वोट से शिकस्त दी। इस चुनाव के बाद उन्होंने एक बार फिर सीट बदली और 2012 के चुनाव में सपा से ही भगवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा। यहां उन्होंने भाजपा की पूनम शुक्ला को 23846 वोटो से हराया। सपा से दो बार विधायक रहने वाले कुलदीप सिंह सेंगर आगामी चुनाव के लिए किसी अन्य विधानसभा में अपनी जमीन बनाने में जुटे थे। लगातार इस बात की चर्चा चल रही थी कि वह सपा का साथ छोडक़र किसी अन्य दल में शामिल हो सकते हैं। चर्चाआें पर तब विराम लगा जब कुलदीप सिंह सेंगर ने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा में शामिल होने के बाद से यह तय हो गया था कि वह बांगरमऊ सीट से चुनाव लड़ेंगे। रविवार को भाजपा की ओर से जारी हुई सूची में इस बात की पुष्टि हो गई।
निर्दलीय लड़ा था पहला चुनाव
भगवंतनगर से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए हृदयनारायण दीक्षित ने अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में की थी। वर्ष 1985 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के गया प्रसाद सिंह को 7658 मतों से शिकस्त देकर विधानसभा का सफर पहली दफा तय किया। हालांकि इसके बाद उन्हें दलीय राजनीति में उतरना ही पड़ा लेकिन वह पुरवा विधानसभा से लगातार चार बार विधायक भी बने। 1989 के दूसरे चुनाव में उन्होंने जनता दल से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के प्रेमशंकर त्रिपाठी को 5818 मतों से हराया। 1991 के तीसरे चुनाव में जनता पार्टी से चुनाव लड़ा और बीजेपी के भगोले महाराज को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 1139 मतों से हराया। वहीं 1993 के चुनाव में वह सपा में शामिल हो गए। इस चुनाव में भी उन्होंने भगोले महाराज को फिर हराया। इस तरह वह पुरवा विधानसभा से चार बार विधायक रहे। लेकिन इसके बाद जनता की अदालत में उन्हें नकारने का सिलसिला शुरू हुआ। सपा का दामन छोड़ कर भाजपा के बैनर तले हृदयनारायण दीक्षित ने वर्ष 1996 का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सपा के उदयराज यादव ने हृदयनारायण दीक्षित को 1810 मतों से हराया। 2002 व 2007 के चुनाव में हृदयनारायण दीक्षित को सपा के उदयराज के सामने शिकस्त का सामना करना पड़ा।