उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जीत की ओर भगवा

Update: 2017-03-11 16:45 GMT
भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी जीत 1991 की रामलहर में हुई थी, तब भाजपा ने 221 सीटें जीती थीं, मगर वह भी इतनी बड़ी कामयाबी नहीं थी

लखनऊ। भाजपा ने 300 से अधिक सीटों को जीत कर करीब 37 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1980 में कांग्रेस ने 300 से अधिक सीटें जीती थीं मगर इसके बाद पूर्ण बहुमत की सरकारें तो उत्तर प्रदेश में कई बार बनीं मगर कभी आंकड़ा 225 के पार नहीं पहुंच सका। भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी जीत 1991 की रामलहर में हुई थी। तब भाजपा ने 221 सीटें जीती थीं। मगर वह भी इतनी बड़ी कामयाबी नहीं थी। इस बार की मोदी लहर 1991 की रामलहर पर भी भारी पड़ी। मगर पुराना रिकॉर्ड उस समय बना था जब उत्तराखंड का क्षेत्र यूपी में शामिल था। तब सीटें 425 थीं और अभी सीटें 403 हैं।

1977 से पहले आमतौर से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 300 से अधिक सीटें जीता करती थीं। मगर 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में सपा को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद में 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने आखिरी बार 300 सीटें जीती थीं। मगर तब यूपी में 425 विधानसभा सीटें थीं। उत्तराखंड यूपी में ही था। इसके बाद में 1984 में भी पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। मगर सीटें 300 से काफी कम आईं। इसके बाद में 1991 में जब रामलहर थी, तब कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा ने 221 सीटें जीती थीं। तब भी उत्तराखंड अलग नहीं था। इसके बाद में अगली बार पूर्ण बहुमत की सरकार उत्तर प्रदेश में 2007 में आई थी। जब बहुजन समाज पार्टी ने 207 सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। इसके बाद में 2012 में सपा ने 222 सीटें जीती और पूर्ण बहुमत की सरकार एक बार फिर से बनाई। मगर 2017 में 403 में से 300 से ज्यादा सीटें जीत कर भाजपा ने इतिहास रचा है।

पिछले सारे तिहरे शतक उत्तराखंड के समय के

यूपी में 1980 तक जितने भी तिहरे शतक कांग्रेस ने मारे थे, वे सारे उत्तराखंड के साथ आए थे। मगर पहली बार 300 का आंकड़ा खंडित उत्तर प्रदेश में आया है। इस बारे में लविवि में राजनीतिशास्त्र के प्रवक्ता डॉ. मनोज दीक्षित कहते हैं कि मैंने पहले ही कहा था कि बढ़ा हुआ वोट प्रतिशत परिवर्तन की ओर जा रहा है जिससे सत्ता परिवर्तन तय था। हां इतनी बड़ी जीत का अंदाजा लगा पाना मुश्किल ही था।

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