पत्रकारिता छोड़ राजनीति में कूदे शलभमणि बोले-टीआरपी के खेल से ऊबकर मैंने सियासत की राह पकड़ी

Update: 2017-01-23 21:54 GMT
शलभमणि त्रिपाठी।

लखनऊ। मेरा मन गोरखपुर के उन दृश्यों को देख कर द्रवित हुआ जब हजारों बच्चे दिमागी बुखार से मर गए मगर चैनल को दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 20 रोगियों की खबर ज्यादा बड़ी लगी। टीआरपी के इस खेल से मेरा मन उचट गया। उस दिन मुझे अहसास हुआ कि मीडिया में अब सीमाएं बहुत तंग हो गई हैं। सबकी मदद कर पाना संभव नहीं है। इसलिए मैंने पत्रकारिता छोड़ कर राजनीति को आजमाने का फैसला लिया। मेरी लिए भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन करने के लिए टिकट मिलना कोई भी शर्त नहीं थी। इसलिए मुझे कोई दुख भी नहीं हुआ। मेरे लिए प्रवक्ता का पद ही अहम है। जिसको लेकर मैं बीजेपी के लिए काम करूंगा।

हाल ही में आईबीएन-7 जैसे प्रतिष्ठित न्यूज चैनल को छोड़ कर सक्रिय राजनीति में आने वाले भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी मुखर होकर ये बात कहते हैं। गांव कनेक्शन ने उनसे मीडिया और राजनीति से जुड़े कई कड़वे सवाल किये जिसका उन्होंने सहजता से जवाब दिया।

सवाल : पत्रकारिता में क्या बुराई थी कि जो आप राजनीति में आ गए ?

लंबे समय तक पत्रकारिता की। मगर जब जब मुद्दों को उठाने का मौका आया तब टीआरपी आड़े आने लगती थी। गोरखपुर सहित पूरे पूर्वांचल में दिमागी बुखार से जब हजारों बच्चों के मरने की खबर अपने प्रबंधन तक लेकर गया तो पता चला कि उनके लिए दिल्ली में 20 स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने वालों की खबर ज्यादा अहम है। इसलिए सोचा कि लोगों के लिए कुछ करना है तो राजनीति ज्वाइन करनी होगी।

सवाल : सुनते हैं कि आप पूर्वांचल की किसी सीट से टिकट मांग रहे थे जो कट गया ?

ऐसा कुछ भी नहीं है। मैं टिकट नहीं मांग रहा था। तो मुझे दुख किस बात का। भाजपा ने मुझे प्रवक्ता बनाया है, ये कोई छोटा पद नहीं है। मैं इसके सहारे ही बीजेपी को आगे बढ़ाउंगा।

सवाल : आप पत्रकारिता से राजनीति में आने पर सवाल उठता है कि अब आजीविका कैसे चलेगी?

मैं संयुक्त परिवार में रहता हूं। हमारी अच्छी खासी खेती है। मेरी पत्नी भी एलआईसी में नौकरी करती हैं। परिवार की इसी मदद से मेरी आजीविका संबंधित कोई समस्या नहीं है।

सवाल : आपने राजनीति में आने के लिए भाजपा ही क्यों चुनी?

मैं नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद तीन घटनाओं से प्रभावित हुआ। पहला जेएनयू में भारत विरोधी नारों पर केंद्र का स्टैंड, दूसरा पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और तीसरा नोटबंदी का फैसला। इसी वजह से मैं बीजेपी का हिस्सा बना हुआ हूं।

सवाल : अब राज्य में भाजपा शासन आया तो ऐसे कौन से फैसलों की उम्मीद करते हैं?

मैं आज वादा करता हूं भाजपा की सरकार आई तो गुंडे प्रदेश छोड़ देंगे। भ्रष्टाचार खत्म किया जाएगा। सबसे बड़ी बात युवाओं को नौकरी देने में पूरी ईमानदारी बरती जाएगी।

सवाल : भाजपा कितनी सीटें जीतेगी?

भाजपा को हर हाल में 265 से अधिक सीटें मिलने जा रही हैं।

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