विधानसभा चुनाव: तत्काल टिकट चाहिए तो राष्ट्रीय लोकदल आइए, दूसरे दलों से टिकट कटने पर प्रत्याशी थाम रहे हैं छोटे चौधरी का हाथ
लखनऊ। अखिलेश यादव सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री सरोजनीनगर के विधायक शारदा प्रताप शुक्ला 30 जनवरी को जब नामांकन के लिए घर से निकले तो रास्ते में उनके पास काल आया कि उनका टिकट काट दिया गया है। इसके उन्होंने सीधे राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया को फोन लगाया और इस पार्टी से नामांकन कर दिया।
मोहनलालगंज सीट से सपा की वर्तमान विधाकय चंद्रा रावत को जब सपा ने उम्मीदवार नहीं बनाया तो वह भी लोकदल से उम्मदीवार बन गई। ऐसे में यूपी विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को लेकर यह जुमला चल रहा है कि तत्काल टिकट चाहिए तो राष्ट्रीय लोकदल आइए। विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा और बीजेपी के जो नेता विधानसभा का टिकट पाने में कामयाब नहीं हुए उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल का दामन था और तुरंत ही टिकट भी हासिल कर लिया। विभिन्न दलों से आए लगभग एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को यह पार्टी अपना उम्मीदवार बना चुकी है।
असंतुष्ट नेताओं का बड़ा ठिकाना बनने से राष्ट्रीय लोकदल में भी नई जान भी आ गई है। सपा-कांग्रेस गठबंधन में 30 सीटों पर मांगने वाली इस पार्टी में नेताओं की बड़ी आवक से सभी सीटों चुनावी ताल भी ठोंक रही है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री डा. मसूद अहमद ने कहा ‘’ हमारी पार्टी में नेता स्वेच्छा से आ रहे हैं। जो हमारी नीतियों में विश्वास कर रहा है उसको हमारी पार्टी उम्मीदवार बना रही है।’’
यह पूछने पर कि विभिन्न पार्टियों के असंतुष्ट नेताओं को एक जगह इकट्ठा होने से आने वाले दिनों में उनकी पार्टी के अंदर विवाद नहीं होगा ? इसके जवाब में लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी लोग मिलकर चौधरी जयंत चौधरी को मुख्यमंत्री बनाने में लगे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल को 9 सीटें मिली थी।