पहली बार मतदाता बने युवाओं के पास है जीत की चाबी ? पहले चरण की लगभग हर सीट पर बढ़े हैं 25 हजार मतदाता
मुजफ्फरनगर। जिस तरह से करीब आठ फीसदी वोट पश्चिम उत्तर प्रदेश की 73 सीटों पर बढ़े हैं, वे ही निर्णायक भूमिका में होंगे। ये आठ फीसदी और नये वोटर मिला कर लगभग 25 लाख वोट है जो इन 73 सीटों पर अतिरिक्त पड़े हैं। एक सीट पर ये लगभग 28 हजार की संख्या है, अधिकांश सीटों पर ये जीत हार के अंतर में भी तब्दील होगी। बढ़े हुए वोट फीसदी को सब अपना अपना हक बता रहे हैं।
इस चरण में कुल दो करोड 59 लाख मतदाता हैं, जिसमें एक करोड 42 लाख पुरूष और एक करोड 17 लाख महिला मतदाता हैं। जिनमें से करीब 65 फीसदी लोग अपने घरों के बाहर वोटिंग के लिए निकले। एलयू के राजनीतिशास्त्र में प्रवक्ता डॉ. मनोज दीक्षित बताते हैं कि मतदान का प्रतिशत बढ़ना दस में से आठ बार वर्तमान सरकार के लिए खतरे की घंटी होता है। इसको ऐसा वोटर माना जाता है जो कि बदलाव के लिए वोट देगा। इसके अलावा एक और अहम रुझान ये भी है कि पूर्ण बहुमत की सरकार बनना तय है। प्रत्येक दल का अपना 20:20 फीसदी का बजट है। जो इसको इससे बढ़ा लेगा वो जीतेगा। मैं शुरू से ही ऐसा मानता रहा हूं। 2014 के आम चुनाव और उसके बाद लगातार इस तरह के रुझान सामने आते रहे हैं।
राजनैतिक दलों के अपने अपने दावे
दूसरी ओर राजनैतिक दलों के अपने अपने दावे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजीव मिश्र बताते हैं कि युवा वोटर अखिलेश यादव और उनकी युवापरक नीतियों के साथ है। 73 सीटों पर हुए अधिक मतदान को देखते हुए कहा जा सकता है कि यहां सपा कांग्रेस गठबंधन को बड़ी जीत मिलने जा रही है। जिसमें कोई दोराय नहीं है। भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी बढ़े हुए मत प्रतिशत को अपनी जीत की मुहर बता रहे हैं। उनका कहना है कि बढ़ा मतदान हमेशा से परिवर्तन के लिए होता है। ये परिवर्तन मतदाता भाजपा के जरिये ही लाने जा रहा है। हम यहां जबरदस्त जीत दर्ज करेंगे।