किसी उद्योगपति का कर्ज माफ नहीं किया गया: जेटली

Update: 2017-02-14 17:30 GMT
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विजय माल्या को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष पर बोला हमला।

लखनऊ। केंद्रीय वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने मंगलवार को विजय माल्या के मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी अपनी जनसभा में उद्योगपतियों का कर्ज माफ करने के संबंध में जो बोलते हैं, वह सत्य से परे है।"

जेटली ने कहा, “27 मई 2014 के बाद जबसे केंद्र सरकार बनी है, किसी भी उद्योगपति का कोई भी कर्ज माफ नहीं किया गया है। ये सारे कर्ज 2007-08 में यूपीए के समय में दिये गये थे। जिन पर अब केवल ब्याज बढ़ रहा है।” बीजेपी मुख्यालय में मंगलवार को मीडिया कर्मियों से मुखातिब वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के इतने बड़े नेता होने के बावजूद राहुल गांधी सच नहीं बोल रहे हैं। हर जनसभा में कहते हैं कि एनडीए ने उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया जबकि ऐसा बिल्कुल सही नहीं है। हमने 27 मई 2014 को शपथ लेने के बाद एक भी उद्योगपति का कर्ज माफ नहीं किया है। ये बिल्कुल भी सही नहीं है।

देश और उत्तर प्रदेश में भाजपा का माहौल

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “मेरा आंकलन ये है कि भाजपा के पक्ष में माहौल है। पहले चरण में ये बात सामने आई है। स्नातक एमएलसी चुनाव में भी बीजेपी जीती है। उड़ीसा में पंचायत चुनाव में बहुत अच्छे परिणाम आये हैं। यही हाल यूपी में है। यूपी में बहुमत मिलेगा। पहले चरण में बसपा ने कई जगह मुकाबला किया है।“

सपा-कांग्रेस के बीच सबसे बड़ा अवसरवादी गठबंधन

जेटली ने कहा, “सपा कांग्रेस के तौर पर अब तक का सबसे बड़ा अवसरवादी गठबंधन हुआ है। ये मजबूरी का गठबंधन है। देश का समाजवादी आंदोलन कांग्रेस विरोधी रहा है। कांग्रेस हटाओ देश बचाओ का नारा लोहिया जी ने दिया था। उस आंदोलन का उत्तर प्रदेश ने पतन होते देखा है। वैचारिक आधार को छोड़कर पारिवारिक आधार को पकड़ा गया है। कांग्रेस भी परिवारवाद के आधार पर चलती है। काले धन के खिलाफ जब संघर्ष छेड़ा सारे तर्क कांग्रेस और सपा ने इसके खिलाफ दिये थे। मगर उनके विरोध का कोई वैचारिक आधार नहीं था। भ्रष्टाचार से दोनों दलों को कोई परहेज नहीं है।“

सपा कर रही है गिरोहबंदी की राजनीति

वित्त मंत्री ने कहा, “समाजवादी पार्टी ने पिछले कई बरसों से गिरोहबंदी की परम्परा को राजनीति में डाल दिया है। यही कारण है कि एक अराजकता की स्थिति बना दी गई है। ये अराजकता है। मंत्री के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिला का क़त्ल हो रहा है। विकास की दृष्टि से देश के अन्य प्रांत तरक्की कर रहे हैं यूपी बहुत दूर हैं। एक आधा अधूरा हाइवे बनाया है। हम 30 किमी रोज हाइवे बनाने का लक्ष्य बनाया है। पाँच साल में एक आधी अधूरी सड़क बनाई है। हमारी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं। कृषि और ग्रामीण इलाकों के लिए काम है। बिजली और सड़क दी है। पक्के घर बनवायेंगे। ग्रामीण शौचालय। सेट्रल बजट है ब्याज पर सब्सिडी देते हैं।“

बजट में हमने केवल राहत दी

अरुण जेटली ने कहा, “यूपीए सरकार से जयादा हमने इंफ्रास्ट्रक्चर पर बजट दिया है। हर साल बजट में सामान महंगा होने की खबर होती थी मगर हमने केवल राहत दी है। विमुद्रीकरण और यूपी इलेक्शन का कोई लेना देना नहीं है। बहुत अधिक कैश भारत में था। दुनिया में कहीं भी 86 फीसदी कैश नहीं था। ये अपराध की जड़ था। इसके साथ हमने राजनैतिक सुधार भी किया। कोई राजनैतिक दल 2000 से अधिक रूपयों का चंदा कैश पर नहीं ले सकता है।“

पर्सनल लॉ संविधान के अनुरूप काम करे, इसलिए ट्रिपल तलाक के खिलाफ

जेटनी ने कहा कि कॉमन सिविल कोड और ट्रिपल तलाक अलग नहीं है। मगर जब तक कॉमन सिविल कोड लागू नहीं होता है। तब तक पर्सनल लॉ को संविधान के अनुरूप हो। तमिलनाडु मामले में केंद्र सरकार का कोई रोल नहीं हैं। राज्यपाल संवैधानिक मान्यताओं के हिसाब से फैसला करेंगे।“

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