कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन शीघ्र होने की उम्मीद ! 

Update: 2017-01-06 19:06 GMT
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।

लखनऊ (भाषा)। उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पलड़ा भारी होते देख कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम-यादव समीकरण बरकरार रखने के लिए सपा से गठबंधन करने के पक्ष में है।

मुख्यमंत्री अखिलेश कांग्रेस के साथ गठबंधन की पुरजोर हिमायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि सपा अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाने में सक्षम है, लेकिन कांग्रेस का साथ मिलने पर दोनों दल 403 में से 300 से ज्यादा सीटें हासिल कर सकेंगे। हालांकि पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ऐसे किसी भी गठबंधन की सम्भावना को सिरे से नकार चुके हैं।

बहरहाल, कांग्रेस ने साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने से रोकने के लिए चुनाव से पहले सपा से गठबंधन करने के दरवाजे खुले रखे हैं। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित भी तालमेल की हिमायत कर रही हैं। प्रदेश में चुनावी पारा चढ़ने के बीच ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि अखिलेश अगले सप्ताह दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं, जिसके बाद गठबंधन पर अंतिम फैसला होने की सम्भावना है।

गठबंधन को लेकर कांग्रेस की उत्सुकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होते ही कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि उनकी पार्टी ने प्रदेश से फासीवादी ताकतों को रोकने के लिए सपा से गठबंधन के रास्ते खुले रखे हैं।

दूसरी ओर, कांग्रेस महासचिव और पार्टी के प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि अभी तो वह प्रदेश विधानसभा की सभी 403 सीटों पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन आगे कब क्या होगा यह तो बाद में पता लगेगा। धर्मनिरपेक्ष दलों पर (गठबंधन का) बहुत दबाव है।

सपा में विभाजन तथा अखिलेश और मुलायम के अलग होने के बाद अखिलेश वाले धडे के साथ कांग्रेस के गठबंधन की प्रबल संभावना है। कांग्रेस और सपा दोनों ही भाजपा तथा बसपा को रोकने के लिए यादव-मुस्लिम समीकरण को बनाए रखने के इच्छुक हैं। सपा का परम्परागत वोट बैंक माने जाने वाले मुस्लिम मतदाता पार्टी में मची उठापटक की वजह से भ्रमित हैं। बसपा इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।

बसपा ने 403 में से 97 सीटों पर मुसलमान प्रत्याशियों को उतारा है। पार्टी मुखिया मायावती मुसलमानों से कह रही हैं कि अगर उन्होंने सपा को वोट दिया तो इससे भाजपा को ही फायदा होगा, लिहाजा वे ऐसा करके अपना वोट बेकार ना करें।

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