बसपा उम्मीदवारों की आखिरी सूची जारी, मायावती ने कहा, सपा का कांग्रेस से गठबंधन कराने की साजिश रच रही है भाजपा

Update: 2017-01-08 14:06 GMT
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती(

लखनऊ (भाषा)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के लिए अपने उम्मीदवारों की चौथी और अंतिम सूची आज जारी कर दी। उन्होंने कहा कि भाजपा पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके रहनुमा चाचा रामगोपाल यादव को साथ मिलाकर कांग्रेस से गठबंधन कराकर खुद चुनावी लाभ लेने की साजिश का आरोप लगाया।

बसपा ने आज 101 प्रत्याशियों की फेहरिस्त के साथ कुल 403 में से 401 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। सोनभद्र जिले की दो बाकी बची सीटों पर प्रत्याशी तभी घोषित किए जाएंगे, जब यह तय हो जाएगा कि वे सुरक्षित सीटें तो नहीं हैं।

पार्टी प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी किए जाने के बाद बसपा मुखिया मायावती ने प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में आरोप लगाया कि भाजपा मुख्यमंत्री अखिलेश और रामगोपाल को साथ में करके उनको कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ाने की साजिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सपा के दो खेमों में बंटने के कारण उनका वोट बैंक भी विभाजित हो जाने के मद्देनजर जनता को इन दोनों खेमों को अलग-अलग वोट देकर उसे खराब नही करना चाहिए, क्योंकि इससे भाजपा को फायदा होगा। बसपा कार्यकर्ताओं को यह बात अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर बतानी होगी।

मायावती ने कहा कि बैठक में कार्यकर्ताओं को सपा, कांग्रेस एवं भाजपा द्वारा अपने चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल किए जा रहे साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों के बारे में सावधान रहने की जानकारी दी जाएगी, ताकि बसपा को किसी भी तरह का कोई राजनीतिक नुकसान ना हो।

बसपा मुखिया मायावती के अनुसार, पार्टी ने टिकट वितरण में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया है. उसने 87 दलितों, 97 मुसलमानों तथा 106 अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों को चुनाव के टिकट दिए हैं।

उन्होंने हाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बाकी 113 सीटों पर अगड़ी जातियों को टिकट दिए गए हैं। इनमें ब्राह्मणों को 66, क्षत्रियों को 36, कायस्थ, वैश्य और सिख बिरादरी के 11 लोगों को उम्मीदवार बनाया गया है।

मायावती ने कहा था कि विपक्षी दलों के लोग बसपा पर जातिवादी पार्टी होने का आरोप लगाते हैं, लेकिन पार्टी ने समाज के सभी वर्गों के लोगों को टिकट देकर साबित किया है कि वह जातिवादी बिल्कुल भी नहीं है।

मुसलमानों का एकजुट वोट किसी भी सियासी समीकरण को बना और बिगाड सकता है। वर्ष 2012 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में मुसलमानों के लगभग एक पक्षीय मतदान की वजह से सपा को प्रचंड बहुमत मिला था।

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