नोटबंदी से गरीबों, किसानों और मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट : अखिलेश

Update: 2016-11-18 13:51 GMT
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।

लखनऊ (भाषा)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 500 और हजार रुपए के नोट बंद किए जाने के बाद किसानों और मजदूरों को हो रही दिक्कतों को लेकर केंद्र सरकार को एक बार फिर घेरते हुए कहा कि देश को बिना तैयारी के सबकुछ बदल डाले जाने का खामियाजा अर्थव्यवस्था के पिछड़ने के रूप में भुगतना पड़ेगा।

हालात सामान्य होने में लगेंगे साल भर का वक्त, तब तक क्या होगा हाल

मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बिना तैयारी के बड़े करेंसी नोट का चलन बंद कर देश के गरीबों, किसानों और मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा कर दिया है। हालात सामान्य होने में छह महीने से सालभर का समय लगेगा। तब तक गरीबों का क्या हाल होगा।

सोचिए अगर किसान बर्बाद हो गया तो अर्थव्यवस्था के तमाम आंकड़े पीछे हो जाएंगे। रोजगार पर सबसे पहले असर पड़ेगा। अब तो पूरा देश यह कह रहा है कि सरकार ने बिना तैयारी के सबकुछ बदल दिया। अगर आप (भाजपा) पर भरोसा कर लिया और पड़ोसी देशों से कुछ मामला बन गया और आपकी तैयारी नहीं होगी, अभी तो पैसे में फंसाया है, आने वाले समय में हो सकता है कि आप (भाजपा) देश को फंसा दें। आपकी तैयारी नहीं होगी तो देश के सामने संकट पैदा होगा।
अखिलेश यादव मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश

अखिलेश ने कहा कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सरकार का बनाया संकट है, सबसे ज्यादा परेशानी किसानों के सामने आई है, जब किसान को उम्मीद थी कि पानी अच्छा बरस गया है और अच्छा बीज मिल गया है, तो अच्छी फसल होगी, लेकिन केंद्र के इस कदम ने उन्हें सदमा दे दिया है, केंद्र सरकार अगर पैसा नहीं दे सकती तो कम से कम सहकारी बैंकों की मदद करे, ताकि किसानों को फसल बुवाई तथा अन्य कृषि कार्यों के लिए धन मिल सके।


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