मुलायम से मिले अखिलेश, सुलह के लिए नए फार्मूले बनाए जाने की उम्मीद

Update: 2017-01-03 17:12 GMT
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव।

लखनऊ (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर छिड़े संग्राम के बीच एक बार फिर सुलह के संकेत मिल रहे हैं। चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव लखनऊ लौट आए हैं। अब पिता-पुत्र के बीच वार्ता चल रही है, जिसमें सुलह के नए फार्मूले बनाए जाने की उम्मीद की जा रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंगलवार को मुलायम सिंह से मिलने उनके आवास पर गए। सत्तारूढ़ पार्टी के भविष्य को लेकर यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, मुलायम और अखिलेश के बीच अब भी सुलह की गुंजाइश है। टिकटों के बंटवारे के अधिकार से लेकर संगठन में बदलाव और कुछ प्रमुख लोगों को पार्टी से निकालने के अधिकार मिलने पर अखिलेश पिता मुलायम के समक्ष झुक सकते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि पिता-पुत्र में सहमति बनी है कि अखिलेश सपा अध्यक्ष का पद छोड़ दें और शिवपाल यादव को केंद्र की राजनीति में भेजा जाए।

इस बीच शिवपाल भी दिल्ली से लौट आए हैं। अखिलेश-मुलायम के बीच बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने केवल इतना कहा, "अगर नेताजी बैठक में बुलाएंगे तो जरूर जाऊंगा।"

कोई समझौता नहीं होने जा रहा है: रामगोपाल यादव

उधर, मंगलवार को अखिलेश खेमे की तरफ से प्रो. रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग में दावा पेश कर दिया। उन्होंने कहा कि साइकिल चुनाव निशान अखिलेश का है और पार्टी पर भी उन्हीं का हक है। रामगोपाल यादव ने कहा कि अखिलेश ही हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष है। समाजवादी पार्टी में कोई समझौता नहीं होने जा रही है। चुनाव चिन्ह का फैसला चुनाव आयोग करेगा।

इससे पहले सोमवार को मुलायम सिंह कह चुके हैं कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनकी अनुमति के बिना अधिवेशन नहीं बुलाया जा सकता है। लिहाजा, पार्टी के चुनाव-चिह्न् पर उन्हीं का अधिकार है।

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