योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय : कानों में सोने के कुंडल और रेबैन का काला चश्मा नए सीएम की पहचान
लखनऊ (भाषा)। भाजपा के तेजतर्रार नेता योगी आदित्यनाथ (44 वर्ष) कट्टर हिन्दूवादी नेता माने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री हैं। आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उत्तर प्रदेश राज्य में योगी आदित्यनाथ के अनुयायियों की संख्या अच्छी खासी है और वह अपने भडकाउ भाषणों की वजह से ज्यादा जाने जाते हैं। वह विवादास्पद बयान देने से जरा भी विचलित नहीं होते, चाहे इस्लाम पर हो या पाकिस्तान पर।
चुनाव से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
भगवाधारी योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा सांसद हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने से भाजपा के विकास के हिन्दुत्व वाले एजेंडे का तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है। योगी का असल नाम अजय सिंह बिष्ट है, वह कुशल वक्ता हैं, ये अलग बात है कि उनके अधिकांश भाषण उत्तेजक होते हैं और उनके विरोधी उन पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हैं।
आदित्यनाथ अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के मजबूत पैरोकार हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में भाजपा के हिन्दुत्व अभियान को मथा। कई बार वह पार्टी से बगावती सुर में बोलते दिखे लेकिन हिन्दू वोटरों पर मजबूत पकड़ की वजह से पार्टी उनकी उपेक्षा नहीं कर पाई। उनमें कुशल नेतृत्व क्षमता भी है।
योगी ने दक्षिणपंथी संगठन हिन्दू युवा वाहिनी का 2002 में गठन किया। योगी 2015 में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के दौरान बालीवुड अभिनेता शाहरुख खान की तुलना पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग सूर्य नमस्कार नहीं कर सकते, उन्हें हिन्दुस्तान छोड़ देना चाहिए।
योगी का जन्म पांच जून 1972 को हुआ था। उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश था) के पौड़ी जिला स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गाँव के राजपूत परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था। टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की। स्कूल और कॉलेज सर्टिफिकेट में इनका नाम अजय सिंह बिष्ट है। आदित्यनाथ विज्ञान विषय में स्नातक तक शिक्षा प्राप्त हैं। उनकी अपनी व्यक्तिगत वेबसाइट भी है और खुलकर अपने विचारों को ब्लॉग के जरिए व्यक्त करते रहे हैं। कानों में सोने के मोटा कुंडल पहने और आंखों पर रेबैन का काला चश्मा चढ़ाए आदित्यनाथ हमेशा भगवा में ही नजर आते हैं।
वह 12वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे। उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। इसके बाद वह गोरखपुर से 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लोकसभा सांसद बने।
योगी के भाजपा से संबंध एक समय खासे तनावपूर्ण हो गए थे। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी मामलों में बड़ी भूमिका चाहते थे, जिससे विवाद गहरा गया। दिसंबर 2006 में उन्होंने गोरखपुर में विराट हिन्दू महासम्मेलन कराया, उसी समय लखनऊ में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक हो रही थी।
योगी आदित्यनाथ और भाजपा नेतृत्व के बीच 2007 के चुनावों में भी तनाव हो गया था, जब योगी 100 से अधिक सीटों पर अपनी पसंद के उम्मीदवार उतारना चाहते थे। बाद में हालांकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दखल के बाद समझौता हुआ।
आदित्यनाथ गोरक्षनाथ पीठ के महंत हैं, आत्यात्मिक पिता महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद सितंबर 2014 में उन्होंने पीठ का दायित्व संभाला था।
गोरखनाथ मंदिर के आसपास रहने वाले योगी की बहुत इज्जत करते हैं चाहे वे किसी भी जाति या समुदाय के हों। मंदिर के आसपास रहने वाले मुसलमानों की भी योगी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।