मायावती बोलीं-अमित शाह ने किया जनता का अपमान

Update: 2016-10-27 19:10 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि शाह प्रदेश के लोगों को ‘कल्याण सिंह जैसी सरकार देने‘ का वायदा कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री के तौर पर असंवैधानिक व माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने के कारण बर्खास्त होने वाली एवं सजायाफ्ता रहे हैं। शाह ने ऐसा बोलकर प्रदेश की 22 करोड़ जनता का अपमान करने की कोशिश की है। इस के लिए उन्हें यहां की आमजनता से माफी मांगनी चाहिये।

एक बयान में मायावती ने कहा कि बेहतरीन शासन देने के मामले में भाजपा के पास कोई अच्छा उदाहरण नहीं होना भी उस पार्टी नेतृत्व के दिवालियेपन व प्रदेश में भाजपा की ख़स्ताहाल स्थिति को और भी ज़्यादा उजागर करता है। उन्होंने कहा कि शाह को यह मालूम होना चाहिये कि 1992 में कल्याण सिंह की सरकार को ख़राब कानून-व्यवस्था व माननीय कोर्ट एवं संविधान की अवमानना के कारण ब़र्खास्त किया गया था और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, केन्द्र में भाजपा की सरकार में ना तो देश की सीमा ही सुरक्षित हैं और ना ही भाजपा शासित राज्यों में क़ानून व्यवस्था की स्थिति ही बेहतर है। वर्तमान समय में मई 2014 की स्थिति नहीं है और पूरे देश के लोग यह देख रहे हैं कि भाजपा अपनी तारीफ से जो भी दावे करती है उनमें सच्चाई कम और छलावा ज़्यादा होता है। इसी क्रम में सीमा की सुरक्षा का उनका दावा भी ग़लत है, क्योंकि सीमा पर गोलीबारी में हर दिन हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कानून व्यवस्था पूरे तौर पर केन्द्र की भाजपा सरकार के अन्तर्गत होने के बावजूद वहां की हालत काफी ज्यादा खराब है। ख़ासकर महिला सुरक्षा के मामले में तो स्थिति काफी ज्यादा बुरी है। आमजनता का बुराहाल है, फिर भी भाजपा नेतृत्व की ओर से उत्तर प्रदेश के लोगों को वरग़लाने के लिये गलत दावे करने का प्रयास लगातार जारी है।

मायावती ने कहा कि बी.एस.पी. के शासनकाल के दौरान अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था की बेहतरीन रही स्थिति के सम्बन्ध में भाजपा अध्यक्ष द्वारा मिथ्या प्रचार करना राजनीति से प्रेरित प्रयास है। केवल बी.एस.पी. के शासनकाल में ही हर प्रकार के अपराधी व माफिया जेलों की सलाख़ों के पीछे बन्द किये गये थे और प्रदेश में यदि कोई घटना होती थी तो उस पर ऐसी सख़्त त्वरित कार्रवाई की जाती थी कि बी.एस. पी. के विरोधी लोग भी हैरान रह जाते थे।

संप्रग सरकार को बाहर से दिया था समर्थन

शाह द्वारा यू.पी.ए. सरकार के शासनकाल के भ्रष्टाचार आदि के लिये बी.एस. पी. को भी जि़म्मेदार ठहराने की प्रवृति को ‘‘घोर अनुचित व शरारतपूर्ण व्यवहार‘‘ बताते हुये मायावती ने कहा कि बी.एस. पी. कभी भी यू.पी. ए. की सरकार में शामिल नहीं रही है बल्कि भाजपा जैसी घोर साम्प्रदायिक व्यक्तियों को केन्द्र की सत्ता से दूर रखने के प्रयास में ही यू.पी. ए. को केवल बाहर से समर्थन दिया हुआ था। साथ ही, यू.पी.ए. सरकार की गड़बड़ियों व भ्रष्टाचार के लिये देश की आमजनता ने कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बाहर करके उसे उसके किये गये कृत्यों की जबर्दस्त सज़ा दे दी है, जिसके फलस्वरूप ही भाजपा आज केन्द्र की सत्ता में हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का भी रवैया, उसके पिछले ढाई वर्ष तक के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी जैसा ही ग़लत व जनविरोधी रहा है। इस कारण भाजपा को भी अपने बुरे दिन के लिये तैयार हो जाना चाहिये।

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