अल्पसंख्यकों, कमजोर वर्गो का विकास मोदी सरकार का राजधर्म और राष्ट्रीय कर्तव्य: नकवी 

Update: 2017-02-05 15:17 GMT
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली (भाषा)। अल्पसंख्यकों एवं समाज के कमजोर तबकों के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ‘वोट के सौदे' पर नहीं बल्कि ‘विकास के मसौदे' पर काम कर रही है और यह न केवल राजधर्म बल्कि राष्ट्रीय कर्त्तव्य भी है।

नकवी ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बिचौलियों को हटाकर गरीबों तक सीधा लाभ पहुंचाने का अभियान शुरु किया जिसके चलते अब तक अरबों रुपए की होने वाली लूट रुकी है और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मुसलमानों सहित सभी गरीबों, जरुरतमंदों को हुआ है। लूट लॉबी पर लगाम लगी है।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए केंद्रीय बजट प्रावधान इस बात का उदाहरण है कि मोदी सरकार ‘वोट के सौदे' पर नहीं बल्कि ‘विकास के मसौदे' पर काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2017-18 के बजट में मंत्रालय के लिए 4195.48 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो 2016-17 के 3827.25 करोड़ रुपये की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में सीखो और कमाओ, नई मंजिल, नई रौशनी, उस्ताद जैसी विभिन्न छात्रवृत्ति और कौशल विकास योजनाओं के लिए 2600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा विविध क्षेत्र विकास योजना (एमएसडीपी) के तहत आवंटित कोषों का भी उपयोग किया जायेगा) हुनर हाट भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

अल्पसंख्यकों एवं कमजोर वर्गो के विकास को ‘राजधर्म एवं राष्ट्रीय कर्तव्य' बताते हुए नकवी ने कहा कि विकास के मसौदे को सफल बनाने के लिए देश में एकता और सौहार्द का ताना-बाना मजबूत रखना जरुरी है और हमारी सरकार इस दिशा में ठोस पहल कर रही है।

योजनाओं का लाभ धरातल तक पहुंचाने पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें लोगों के बीच जाना होगा। विकास योजनाओं की जमीनी सच्चाई का एहसास कागज-कम्प्यूटर से नहीं बल्कि लोगों के बीच जाने से, जमीनी स्तर पर काम करने से होगा।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास के लिए शुरु योजनाओं को लोगों के बीच सीधे ले जाने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने ‘प्रोग्रेस पंचायत' शुरु की है जिसका मकसद योजनाओं को ‘कागज-कंप्यूटर' से निकाल कर जमीनी हकीकत में बदलना है। नकवी ने कहा कि हज की प्रक्रिया को डिजिटल बनाना, हज मोबाइल एप पेश करना, कैशलेस चौपाल' आदि भी हमारे प्रयासों में शामिल हैं। लगभग 262 करोड रुपये की लागत से लगभग 200 ‘सद्भाव मंडप' और 16 गुरुकुल प्रकार के आवासीय स्कूलों को स्वीकृति दी गई है। हमें खुशी है कि हमारे मंत्रालय की अधिकांश योजनाएं-कार्यक्रम सौ प्रतिशत डिजिटल हो चुके हैं जिसके चलते योजनाओं में पारदर्शिता बढी है।

नकवी ने कहा कि केंद्र और सरकारों द्वारा उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक सशक्तिरण के लिए किये गए बड़े पैमाने पर खर्च के बावजूद मुस्लिम गरीबी रेखा के नीचे रह गये। इसका मुख्य कारण बेईमानी और बिचौलियों का बोलबाला रहा है। हमारी सरकार व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव ला रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदायों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा जोर अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा और इसके साथ ही रोजगार प्रदान करने पर है।

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