भाजपा की पहली सूची में किसी मुस्लिम को टिकट नहीं

Update: 2017-01-16 22:41 GMT
भाजपा की पहली सूची जारी।

लखनऊ। भाजपा की उत्तर प्रदेश के लिए पहली सूची में एक भी मुस्लिम को टिकट न देकर पार्टी ने साफ कर दिया है कि एक बार फिर से वह ध्रुवीकरण की राजनीति ही करेगी। बीजेपी ने वैसे तो प्रत्येक जिले में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का गठन किया हुआ है मगर पहली लिस्ट की 149 सीटों पर भाजपा को एक भी योग्य मुस्लिम प्रत्याशी नहीं मिला। वैसे विभिन्न जातियों का सामंजस्य सीटों पर प्रभावी नजर आ रहा है। यही नहीं दलबदल कर बीजेपी में आईं सपा के मंत्री रहे राजा अरिदमन सिंह की पत्नी रानी पक्षालिका को भी बाह विधानसभा सीट से उम्मीदवार चुन लिया गया है। इसी तरह से कई दलबदलुओं को बीजेपी ने टिकट से नवाजा है।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में 2013 में हुए दंगों के बाद वहां की फिजाओं से अब तक हिंदु मुस्लिमों के बीच कटुता दूर नहीं हो सकी है। ऐसे में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सबसे बड़ा केंद्र पश्चिम उत्तर प्रदेश ही बना हुआ है। यहां की राजनीति अब इसी बिंदु पर टिकी हुई है। ऐसे में बीजेपी ने यहां एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है। मुजफ्फरनगर के दंगे के आरोप सुरेश राणा को थाना भवन और संगीत सोम को सरधना से टिकट से नवाजा गया है। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई को उनकी पुरानी मेरठ सीट से टिकट दिया गया है।

दलबदलुओं को भी मिला भाजपा का टिकट

दल बदल कर बीजेपी में आईं सपा के मंत्री रहे राजा अरिदमन सिंह की पत्नी रानी पक्षालिका को भी बाह विधानसभा सीट से उम्मीदवार चुन लिया गया है। इसी तरह से कई दलबदलुओं को बीजेपी ने टिकट से नवाजा है। लखीमपुर की पलियाकलां सीट से बसपा छोड़ कर बीजेपी में आए रोमी साहनी को टिकट दिया गया है। इसी तरह से कई अन्य सीटों पर भी कुछ दूसरे दलों को छोड़ कर आए उम्मीदवार टिकट पा गए हैं।

भाजपा ने रखा जातिगत समीकरणों का ख्याल

टिकट वितरण में बीजेपी ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय, पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जातियों का सामंजस्य बनाने का पूरा प्रयास किया है। सभी वर्गों का बराबर प्रतिनिधित्व सीटों पर दिखाई दे रहा है।

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