चुनावी रैली की भेंट चढ़ी किसानों की 60 बीघे की फसल, नहीं मिला मुआवजा

Update: 2017-03-04 14:52 GMT
Gaon Connection

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार अंतिम दौर में हैं। सातवें और अंतिम चरण के लिए सोमवार को चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएंगे। इस बार के चुनाव प्रचार में सभी पार्टियों के दिग्गजों ने दर्जनों रैलियों को संबोधित किया लेकिन उनकी प्रचार के लिए जो रैली स्थल बनाए गए थे उसकी वजह से लगभग 60 बीघा खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को कुर्बान होना पड़ा है। शुभ-अशुभ का चक्कर, हारने की आशंका और जगह की कमी का हवाला देकर इस बार नेताओं ने खेतों में रैली की है। खेतों में रैली करने में देश के प्रधानममंत्री नरेन्द्र मोदी जहां पहले स्थान पर रहे वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राहुल गांधी भी इसमें पीछे नहीं रहे। लेकिन रैली स्थल के लिए जिन किसानों का खेत काटा गया उनका दर्द यह है कि वादा करने के बाद भी फसल कटन के बदले उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया।

बीजेपी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों 27 फरवरी को मऊ के घोसी में चुनावी रैली को संबोधित किया। उनकी रैली के लिए जो 27 बीघा में खेतों में खड़ी गेहूं को काटा गया। जिन 20 किसानों का यह खेत है उनसे कहा गया था कि इसके बदले उन्हें पैसा दिया जाएगा लेकिन उन्हें नहीं दिया गया। इस बारे में महिला किसान सुमन देवी ने बताया '' मेरे 5 बीघे के खेत में गेहूं की फसल लगभग तैयार होने की कगार पर थी। इसी बीच पता चला कि खेत के पास प्रधानमंत्री की सभा होने वाली है। खेत काटना पड़ेगा। बीजेपी नेता लोग बोले बोले फसल के बदले पैसा देंगे। खेत तो काट दिया लेकिन पैसा अभी तक नहीं मिला। '' यह हाल अकेले सिर्फ इनका नहीं है बल्कि इनके जैसे 20 ऐसे किसान हैं, जिनके खेतों को मोदी की रैली के लिए काट गया लेकिन उन्हें इसका मुआवजा नहीं मिला।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 1 फरवरी को देवरिया जिले में हुई रैली के लिए भी 20 बीघा गेहूं की फसल को काटा गया लेकिन किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला। इस बारे में यहां के स्थानीय नेता अजय शाही ने बताया कि जिन किसानों को खेत रैली स्थल के लिए लिया गया था उनसे पहले की बात कर ली गई थी और उन्हें मुआवजा भी दिया गया। लेकिन जिनका खेत काटा उनका कहना है कि उन्हें मुआवाज नहीं मिला।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी 2 फरवरी को महराजगंज के फरेंदा में चुनावी रैली को संबोधित किया। राहुल गांधी की रैली के लिए भी जिस मैदान का चुनाव किया गया था वह खेतों के बीच था। लेकिन मैदान छोटा बताकर यहां के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने आसपास के गेहूं की फसल को कटवा दिया। यहां के किसानों को भी मुआवजा देने की बात कहीं गई लेकिन उन्हें मुआवजा दिया नहीं गया। इस बारे में यहां के किसान मनोज कुमार ने बताया '' राहुल की जहां पर रैली हुई थी उसके पास ही मेरा खेता था। रैली के लिए मेरे खेत को काटा गया लेकिन अभी तक एक पैसा नहीं मिला। ''

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 27 फरवरी को गोरखपुर जिले की चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र के सरदार नगर के मजीठिया स्टेडियम में चुनावी रैली होनी थी। लेकिन स्थानीय नेताओं ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस स्थल पर जो रैली करता है हार जाता है। इसके बाद उन्होंने इस रैली स्थल को बदलेन का मन बनाया। आनन-फानन में पास के गांव शत्रुघ्नपुर में रैली होना तय हुआ और इसके लिए 12 बीघा गेहूं की फसल काटकर मैदान बनाया गया। इस बारे में यहां के स्थानीय पत्रकार राजअनंत पांडेय ने बताया '' रैली के जिए जिन किसानों का खेत काटा गया उनकेा सपा के लोगों ने मुआवजा दिया लेकिन वह काफी कम है। जिसको लेकर यहां पर विरोध हो रहा है। ''

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