रायबरेली। एक नेता क्यों जीतता है और वह लगातार जीतता है, रायबरेली में एक पहेली है। रायबरेली के विधायक अखिलेश सिंह की बाहुबली की छवि है। आरोप है कि वे रायबरेली में होने वाले हर ठेके के लिए तय फीसदी कमीशन लेते हैं। इसके अलावा काम करने वाले के लिए ये भी जरूरी होता है कि वह उनके आदमियों को काम दें। करीब 45 आपराधिक मुकदमे हैं। जिनमें से हत्या के एक मामले में वे करीब तीन साल जेल में रहे। मगर जब चुनावी बेला आती है तब अखिलेश सिंह का बस सिक्का चलता है।
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पिछला विधानसभा चुनाव जेल से ही जीत गए थे, वह भी पीस पार्टी से लड़ कर। अब अखिलेश सिंह कहते हैं कि वे ज्यादातर मुकदमे उन पर खत्म हो चुके हैं, उन पर केवल कुछ राजनैतिक आंदोलनों के केस ही बचे हुए हैं। साफ कहते हैं कि उनको बाहुबली नाम मीडिया ने दिया है। वे ईमानदारी के साथ राजनीति करते हैं। लोगों के काम आते हैं। जिसका नतीजा है कि लोग पहले उनको जिताते थे, इस बार उनकी बेटी अदिति सिंह को बड़ी जीत से नवाजेंगे। रायबरेली के गाँव लल्लूपुर चौहान के रहने वाले अखिलेश सिंह लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे। वे पिछले करीब 22 साल से सदर क्षेत्र के विधायक रहे।
2012 में उनका कांग्रेस से विवाद हुआ तो उन्होंने पीस पार्टी का दामन थामा। तब वे एक हत्याकांड में आरोपित होने के नाते जेल में थे। जेल से ही चुनाव जीत गए। इसके बाद इस बार बीमार होने की वजह से उन्होंने अपनी अमेरिका में रह कर पढ़ाई करने वाली बेटी अदिति सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
‘मेरी बाहुबली की छवि मीडिया की देन’
सवाल: आपके नाम के आगे बाहुबली शब्द लगाया जाता है, आपको इसको क्या मानते हैं?
मेरे नाम के आगे बाहुबली और माफिया शब्द मीडिया की देन है। मैं अधिकांश मुकदमों से बरी हो चुका हूं। इसके अलावा कुछ केस जो बचे हुए हैं। वे राजनैतिक आंदोलन वाले हैं। जनता के लिए आवाज उठाने के दौरान मुझ पर वे केस किये गये।
सवाल: आप पर आरोप हैं कि आप लोगों को डराते धमकाते हैं?
ऐसा कुछ भी नहीं है। चुनाव जीतता रहा हूं। लाखों को डरा धमका कर नहीं, केवल उनका काम कर के। ऐसा ही मैं करता हूं।
सवाल: विधायकी के लिए जीत का क्या मंत्र है?
केवल जनता का काम करें। उसमें पूरी ईमानदारी बरतें। आपकी जीत तय है। उसमें किसी भी राजनैतिक दल की बाध्यता भी सामने नहीं आएगी।
सवाल: अदिति की जीत का अंतर क्या प्रदेश में सबसे बड़ा हो सकता है?
ऐसा मैं नहीं कह सकता हूं। मगर जीत बहुत बड़ी होगी। हमारे सामने कोई भी विपक्षी टिक नहीं पाएगा।
यह लगे हैं अखिलेश सिंह पर आरोप
- हत्या, लूट, डकैती, वसूली, जान से मारने की धमकी, शांति भंग, धरना प्रदर्शन ऐसे ही कई अन्य जघन्य अपराध जिनकी संख्या लगभग 45 है, में आरोपी रहे हैं।
- रायबेरली क्षेत्र के प्रत्येक ठेके में 20 फीसदी तक कमीशन की जबरदस्ती। न देने पर काम रुकवा देते हैं।
- सभी ठेकेदारों के लिए ये जरूरी है कि वे अखिलेश सिंह के लोगों को अपनी साइट पर काम दें।
- जिले में आने वाले अफसरों की तैनाती में भी दखल रखते हैं अखिलेश सिंह। उनकी बात न सुनने पर खुलेआम करते हैं बेइज्जत। कई बार मारपीट भी की।