उत्तराखंड के BJP नेता हरक सिंह रावत पर दिल्ली में रेप का केस

Update: 2016-07-30 05:30 GMT
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नई दिल्ली। उत्तरखंड में बीजेपी नेता हरक सिंह पर दिल्ली में एक महिला ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया है। 32 साल की युवती की शिकायत पर सफदरगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक पुलिस बहुत जल्द हरक सिंह से पूछताछ कर सकती है।

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हरक सिंह रावत पहले भी विवादों में घिरे रहे हैं। वर्ष 2014 में भी उनके खिलाफ इसी थाने में एक मामला दर्ज हुआ था। बताया जा रहा उस वक्त महिला ने शिकायत वापस ले ली थी।

2003 चर्चित जैनी प्रकरण

2003 में एनडी तिवारी की सरकार में भी हरक सिंह को चर्चित जैनी प्रकरण की वजह से मंत्री पद गंवाना पड़ा था। उस वक्त जैनी नाम की महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था। जैनी ने हरक सिंह रावत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि हरक सिंह रावत ही उसके बच्चे के पिता हैं। जैनी ने आरोप लगाया था कि हरक सिंह ने काम दिलाने के नाम पर उसका शारीरिक शोषण किया है। इस मामले में डीएनए टेस्ट भी कराया गया था, लेकिन डीएनए रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई। बाद में जैसे-तैसे यह मामला रफादफा कर दिया गया।

2012 में जूते की नोक पर मंत्री पद

उत्तराखंड में 2012 के विधानसभा में बहुमत मिलने के बाद हरक सिंह ने कहा कि वे मंत्री पद को जूते की नोक पर रखते हैं। उनके इस बयान के बाद काफी विवाद हुआ था। जाहिर है उस वक्त हरक सिंह मुख्यमंत्री बनने के ख्वाब भी देख रहे थे। इसके बाद विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री बने और हरक सिंह को मंत्री पद स्वीकारना पड़ा।

2013 में लगा ऑफिस ऑफ प्रोफिट का आरोप

बहुगुणा सरकार में ही हरक सिंह रावत पर ऑफिस ऑफ प्रोफिट का आरोप का आरोप लगा। कईं दिनों तक यह मामला अखबारों की सुर्खियां बना। हरक सिंह विपक्ष के निशाने पर रहे। तब विपक्षी भाजपा ने हरक सिंह का इस्तीफा मांगा था। जैसे तैसे तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा ने इस विवाद को शांत किया।

2014 मेरठ की महिला ने दर्ज कराया था मामला

2013 में मेरठ की रहने वाली एक महिला ने हरक सिंह रावत पर शरीरिक शोषण का आरोप लगाया था। उस वक्त हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा सरकार में मंत्री थे। फरवरी 2014 में मेरठ की रहने वाली महिला ने दिल्ली के सफदरजंग थाने में ही हरक सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। बाद में दोनों पक्षों की कथित सहमति के बाद यह मामला रफादफा हो गया था।

मार्च 2016 में कांग्रेस से बगावत

18 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा में हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले 9 बागियों में हरक सिंह रावत ने अग्रणी भूमिका निभाई। इसके बाद हरीश रावत सरकार को हटाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन तक लगा। सुप्रीम कोर्ट के हस्तखेप के बाद हरीश रावत सरकार लौट आई तो हरक सिंह समेत सभी बागियों ने भाजपा ज्वॉइन की।

26 मार्च 2016 हरीश रावत का स्टिंग

सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े हरीश रावत के कथित स्टिंग की सीडी बागियों ने दिल्ली में जारी की थी। विधायक मदन बिष्ट से जुड़े एक अन्य के पीछे भी हरक सिंह रावत की ही भूमिका मानी जाती रही है।

29 जुलाई 2016 को दुष्कर्म का मामला दर्ज

ताजा मामला दिल्ली के सफदरजंग थाने का है, जहां एक महिला ने हरक सिंह पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि मेरठ की रहने वाली इसी महिला ने 2014 में सफदरजंग थाने में ही हरक सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। तब दोनों पक्षों की सहमति के बाद महिला ने मामला वापस ले लिया था। अब नये सिरे से महिला हरक सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है।

2014 में जब हरक सिंह रावत पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था तो भाजपा नेताओं ने मंत्री पद से रावत के इस्तीफे की मांग की थी। अब वक्त बदल चुका है। हरक सिंह रावत भाजपा में शामिल हो चुके हैं। एक बार फिर उन पर दुष्कर्म का आरोप है। अब देखना होगा कि भाजपा इस पर क्या स्टैंड लेती है।

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