उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा, 9 बागियों को भुगतनी होगी किए की सजा

Update: 2016-04-21 05:30 GMT
गाँव कनेक्शन

नैनीताल (भाषा)। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया है। नैनिताल कोर्ट ने कहा कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी। कोर्ट ने 29 अप्रैल को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का भी आदेश दिया है और कहा है कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को अपने किए की सज़ा भुगतनी होगी।

इससे पहले, राज्य में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा था, ‘'क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है?’ बीजेपी के बहुमत के दावों के बीच कोर्ट ने केंद्र से एक हफ्ते तक राष्ट्रपति शासन नहीं हटाने का भरोसा देने के लिए कहा था। जब केंद्र ने कहा कि वह इस बात की कोई गारंटी नहीं दे सकते कि राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाया जाएगा या नहीं, तो हाई कोर्ट ने कहा, ‘'आपके इस तरह के व्यवहार से हमें तकलीफ हुई है।’'

इससे पूर्व उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने गुरुवार को फिर सख़्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा, ‘'क्या इस केस में सरकार प्राइवेट पार्टी है?’' जजों ने पूछा, ‘'यदि कल आप राष्ट्रपति शासन हटा लेते हैं और किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर देते हैं, तो यह न्याय का मजाक उड़ाना होगा। क्या केंद्र सरकार कोई प्राइवेट पार्टी है?’'

नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रही सुनवाई में चीफ़ जस्टिस के एम जोसेफ़ ने केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का पक्ष सुनने के दौरान कई सवाल किए। इस मामले के साथ चल रहे 9 बागी विधायकों के मामले में उनके वकील दिनेश द्विवेदी ने कहा कि यह समस्या कांग्रेस से नहीं बल्कि हरीश रावत और स्पीकर के साथ जुड़ी है, क्योंकि सभी 9 विधायक सदस्यता खत्म करने के बावजूद आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं। 

उत्तराखंड विधानसभा की वर्तमान स्थिति

कुल सीटें- 71

कांग्रेस- 36

बीजेपी- 27

उत्तराखंड क्रांति दल- 1

निर्दलीय- 3

बीएसपी- 2

बीजेपी निष्कासित- 1

मनोनीत- 1

ऐसी हो सकती है भावी स्थिति

बहुमत का आंकड़ा- 36

कांग्रेस कैंप- 44-9= 35

बीजेपी कैंप- 27+9= 36

कांग्रेस ने किया फैसले का स्वागत

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने गुरुवार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाये जाने के उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा “हम उच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हैं। जिन लोगों ने शक्ति के बल पर उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या की थी, उन्हें उच्च न्यायालय ने अपने फैसले से सबक सिखा दिया है।” कांग्रेस नेता ने कहा कि इस फैसले से जनता का न्यायपालिका में विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी फिलहाल उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये फैसले की प्रति मिलने का इंतजार कर रही है और उसका अध्ययन करने के बाद ही पार्टी अपने अगले कदम के बारे में विचार करेगी। 

उत्तराखंड के लोगों की विजय है: रावत

उच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रावत ने कहा, “यह उत्तराखंड के लोगों की विजय है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। पूरा देश जानता है कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के पीछे कौन था।” रावत ने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण राज्य के लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

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