बहराइच की इस सड़क पर कब डामर पड़ा था इलाके के लोगों को याद नहीं

Update: 2017-01-20 16:38 GMT
सैकड़ों गाँवों से जुड़ी है यह सड़क, मगर नहीं किया सड़क निर्माण।

आदित्य वाजपेयी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बहराइच। विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही नेता अपने वादों के साथ फिर लोगों के दरवाजों तक पहुंच रहे हैं। लेकिन इन नेताओं को शिवपुर के विकास खंड के लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। इलाके में पिछले कई वर्षों टूटी पड़ी करीब 10 किलोमीटर की सड़क के चलते लोगों में नाराजगी है।

बहराइच जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित शिवपुर ब्लॉक के इमामगंज कस्बे से बेहड़ा खैरीघाट तक की रोड पिछले कई वर्षों से जर्जर पड़ी है। घाघरा प्रभावित इस इलाके की ये मुख्य सड़क है, जो इमामगंज, शिवपुर होते हुए बेहड़ा खैरीघाट वाया नानपारा को जोड़ती है। सड़क के दोनों किनारों पर करीब 300-400 गांव हैं, जिनकी जीविका इसी सड़क के सहारे चलती है। चहलारी घाट तो जोड़ने वाली ये सड़क कब बनी थी, लोगों को याद तक नहीं है। रोजाना हजारों लोग रोड़ों और गड्ढों के बीच चलने को मजबूर हैं।

इसी सड़क पर तांगा चलाने वाले नसीमुद्दीन (48 वर्ष) बताते हैं, “ सड़क की हालत बहुत खराब है। ये तो सिर्फ नाम की पक्की सड़क है। 10 किलोमीटर का सफर एक घंटे में तय होता है, ऊपर से डर बना रहता है कब तांगा टूट जाए या घोड़े को चोट आ जाए।”

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ये सड़क इलाके में घाघरा से बचाने के लिए बांध का भी काम करती है। लोगों का आरोप है कि सड़क न होने से इलाके का विकास भी रुका है। यातायात के नाम पर एक-दो बसें चलती हैं, वो भी इतनी जर्जर हैं कि लोग बैठते हुए डरते हैं। बेहड़ा निवासी लक्ष्मी कांत (35 वर्ष) बताते हैं, “ हजारों लोग रोज निकलते हैं इस सड़क पर, अक्सर हादसे भी हो जाते हैं। लेकिन किसी को सुध नहीं है। नेता फिर वोट मांगने आ रहे हैं। लेकिन हमें इनसे कोई उम्मीद नहीं है।” वो मायूसी के साथ आगे कहते हैं देखो कब सरकार तराई के लोगों की सुध लेती है।

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