टाइफाइड कोई आम बुखार नहीं बल्कि किसी की जान भी ले सकता है। केजीएमयू के बाल रोग के डाॅ. अशोक कुमार चौरसिया बताते हैं “टाइफाइड एक खतरनाक बीमारी है, इस बीमारी में तेज बुखार आता है, जो कई दिनों तक बना रहता है। यह बुखार कम-ज्यादा होता रहता है लेकिन कभी सामान्य नहीं होता।
टाइफायड को आम बोलचाल की भाषा में मोतीझरा या मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह एक बैक्टीिरयल इंफेक्शन है, यह बैक्टीरिया साल्मोडनेला टायफी से होता है। बैक्टीरिया साल्मोनेला टायफी इंसानों में ही पाया जाता है। टायफायड से ग्रसित व्यक्ति के खून और धमनियों में टायफायड बैक्टीरिया रहता है।” डा. अशोक आगे बताते हैं “लोग आम तौर पर बचा हुआ खाना फ्रिज में स्टोर कर लेते हैं जो देखने में तो सही लगता है लेिकन वह खाना बैिक्टरियां से संक्रािमत हो जाता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है इसी तरह पानी जरूरी नही है जो साफ हो वह वाकई में साफ हो पानी को उबाल कर उपयोग करे।”
टाइफायड बुखार के लक्षण
- आमतौर पर टायफायड ग्रसित व्यक्ति को 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार रहता है और उनके शरीर में बहुत कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
- पेट में दर्द, सिर दर्द के अलावा भूख कम लगना भी इसके आम लक्षण है। इसके अलावा टायफायड में सुस्ती व कमजोरी आती है, उल्टी महसूस होती है।
- बड़ों में कब्ज़ तथा बच्चों में दस्त भी हो सकता हैं। आंतों के संक्रमण के कारण शरीर के हर अंग में संक्रमण हो सकता है, जिससे कई अन्य संक्रमित बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
- आंतों के जख्म या अल्सर के फटने से आपरेशन की स्थिति बन सकती है। टायफायड को जांचने के लिए मल का नमूना या खून के नमूने में साल्मोनेला टायफी की जांच की जाती है।
रोग अवधि
डाॅ. अशोक बताते हैं “टायफायड बुखार आमतौर पर एक महीने तक होता है, लेकिन अधिक कमजोरी होने पर अधिक समय तक भी रह सकता है। लेकिन डाॅ. द्वारा एंटीबायोटिक दिए जाने से इसमें एक या दो दिनों में स्थिति में ही सुधार दिखने लगता है, और ठीक होने में 7 से 10 दिन लगते हैं।”
सावधानी
- अपने हाथों को गर्म साबुन युक्त पानी से धोएं।
- साफ उबला पानी पीएं या केवल बोतल बंद पानी पीएं, बासी खाना न खाएं
- उचित तरीके से पका भोजन गरमा-गरम ही खा लें।
- बाहरी दुकानों से खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ न लें।
- संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति के उपयोग की वस्तुओं को उचित प्रकार से स्वच्छ करें।
- पानी को स्वच्छ करना, कूड़े-कचरे का निपटान सही तरीके से करना, और प्रदूषणमुक्त भोजन वितरण ये सभी जन-स्वास्थ्य के लिए आवश्यक उपाय हैं।
रिपोर्टर - दरख्शां कदीर सिद्दीकी