विजय माल्या की जा सकती है संसद सदस्यता, राज्यसभा करेगी सिफारिश

Update: 2016-04-25 05:30 GMT

नई दिल्ली (भाषा)। शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। राज्यसभा की आचार समिति बैंकों का कर्ज़ नहीं चुकाने और मनीलॉन्डरिंग के कथित आरोपी सांसद विजय माल्या को निष्कासित करने की सिफारिश करेगी। माल्या बैंकों का कर्ज भुगतान नहीं करने और धनशोधन के आरोपी हैं। विदेश मंत्रालय ने रविवार यानि कल ही माल्या का पासपोर्ट रद्द किया।
ख़बरों के मुताबिक राज्यसभा की आचार समिति मामले को देख रही है। समझा जाता है कि माल्या की सदस्यता रद्द करने से पहले समिति उन्हें नोटिस भेजेगी।माल्या पर 9,400 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज़ की अदायगी नहीं करने का आरोप है। ये उनके निर्वासन की दिशा में एक कदम है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने रविवार को कहा, ‘कारण बताओ नोटिस के जवाब में विजय माल्या द्वारा दिए गए उत्तर पर, प्रवर्तन निदेशालय को मिले तथ्यों पर और मुंबई के विशेष न्यायाधीश द्वारा पीएमएलए कानून, 2002 के तहत जारी गैर जमानती वारंट पर विचार करते हुए विदेश मंत्रालय ने विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया है।’ आज का फैसला ऐसे समय में आया है जब मंत्रालय माल्या के निर्वासन के संबंध में कानूनी विकल्प पर विचार कर रहा है। वो प्रवर्तन निदेशालय के तीन सम्मन की अवहेलना कर चुके हैं। ईडी कथित धन शोधन और अन्य वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मामले में जांच कर रहा है।मंत्रालय ने माल्या का कूटनीतिक पासपोर्ट 15 अप्रैल को निलंबित कर दिया था और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा था कि उनका पासपोर्ट क्यों नहीं रद्द किया जाए।सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्रालय माल्या के निर्वासन की मांग करने का फैसला ले ले तो वो मामले में अपने ब्रिटिश समकक्ष की मदद लेगा। समझा जाता है कि गत दो मार्च को भारत से जाने के बाद वह ब्रिटेन में हैं।जब पूछा गया कि माल्या को देश वापस लाने में कितना समय लगेगा तो सूत्रों ने कहा कि उनका पासपोर्ट रद्द होने के बाद विदेश में उनका रहना गैरकानूनी है और उन्हें वापस आना चाहिए।

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