लखनऊ। आपने कई ऐसे पशु आश्रम के बारे में सुना होगा जो पशुओं का इलाज करके वापस उनको उसी जगह पर छोड़ देते है लेकिन समर्पण पशु आश्रम ऐसे पशुओं का इलाज करता है जो शरीर से अक्षम होते हैं।
लखनऊ के गोमती नगर इलाके के रहने वाले आशीष बाजपेई पिछले कई वर्षों से पशुओं की सेवा करने में लगे हुए है और समर्पण पशु आश्रम से भी जुडे़ हुए हैं।
आशीष बताते हैं, “ऐसा आश्रम कोई भी नहीं है जो पैरालाइज पशुओं को रखे क्योंकि उनको तब तक रखना पड़ता है जब तक वह मर नहीं जाते। तभी से मैंने सोचा कि मैं अपने आश्रम में ऐसे ही पशुओं को रखूंगा जो शारीरिक रूप से अक्षम होंगे।” समर्पण पशु आश्रम पिछले तीन वर्षों से चल रहा है।
इस आश्रम में अभी कुल 35 पशु हैं जो शारीरिक रूप से अक्षम है। इनके इलाज के लिए एक पेरावेट और दो व्यक्ति देखभाल करने के लिए लगे हुए हैं। पूरे महीने में आने वाले खर्चे के बारे में आशीष बताते हैं कि इन सभी पशुओं की रोज दवा चलती है जिसमें करीब हर महीने 30 से 40 हजार रुपए का खर्चा आता है। इन पर खर्च करने के लिए कभी-कभी अनुदान की भी व्यवस्था हो जाती है।
आशीष बताते हैं कि अपनी संस्था चलाने से पहले हम कान्हा उपवन से जुड़े हुए थे जहां से ये सीखा कि पशुओं की सेवा किस तरह की जाती है। उसी से आज मैं खुद का शेल्टर चला पा रहे है। अपनी बात को जारी रखते हुए आशीष बताते हैं कि गमियों में रास्ते में घूमने वाले पशुओं को पानी की कमी न हो इसके लिए हमारी संस्था पूरे शहर में कई-कई जगहों पर हौदियां रखवाते हैं ताकि पानी की कमी न हो।